बिलासपुर। डरा-धमकाकर बालिका से तीन साल तक गैंगरेप करने के चार आरोपियों को बिलासपुर की सेशन कोर्ट ने तीस-तीस साल के कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों ने बालिका का अश्लील वीडियो भी बनाया था।
तोरवा थाने में 20 फरवरी 2017 को एक 13 वर्षीय बालिका ने अपने परिजनों के साथ पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि शराब भट्टी में काम करने वाले चार लोग उसे डरा-धमकाकर पिछले तीन वर्षों से, उसके साथ दुष्कर्म कर रहे हैं। आरोपियों ने उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया था, जिसे वे सार्वजनिक कर देने की धमकी देते थे। पहली बार उसके साथ तब दुष्कर्म हुआ जब वह केवल 10 साल की थी।
तोरवा पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ पाक्सो एक्ट तथा धारा 376 (घ) के तहत अपराध दर्ज किया। मामले के दो आरोपियों चरण सिंह चौहान और ईश्वर ध्रुव को पुलिस ने घटना के 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया जबकि अन्य आरोपी नागेश्वर रजक तथा मनोज वाडेकर को करीब एक माह बाद गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले की सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश संजीव तामक ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए उनकी सजा तय की। सभी को 30-30 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है। पाक्सो एक्ट के तहत छत्तीसगढ़ में यह अब तक की सबसे बड़ी सजा बताई जा रही है।