नाले की बाढ़ को बस ने पार किया तो एसईसीएल कर्मी ने भी अपनी गाड़ी बढ़ा दी

अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में रविवार की शाम अमरकंटक रोड पर तेज बहाव में एक कार बह गई, जिसमें सवार एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एसईसीएल कर्मी चंद्रशेखर यादव (38), उनकी पत्नी प्रीति यादव (37) और उनके दो छोटे बच्चे रेयांश (8) और सीबी (2) शामिल हैं।

हादसा अमरकंटक रोड पर सजहा नाले की पुलिया पर हुआ, जहां भारी बारिश के चलते पानी का तेज बहाव था। चंद्रशेखर परिवार के साथ अमरकंटक से लौट रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिया पर पहले से पानी भरा था और लोगों ने उन्हें पार न करने की सलाह दी थी। लेकिन जब एक बस उस पार निकल गई, तो चंद्रशेखर ने भी कार आगे बढ़ा दी। कुछ ही सेकंड में कार बह गई।

घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। कलेक्टर हर्षल पंचोली, एसपी श्रीमोती उर रहमान, एसडीआरएफ और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। रविवार देर रात प्रीति यादव का शव घटनास्थल से लगभग 5 किलोमीटर दूर मिला, जबकि चंद्रशेखर और दोनों बच्चों के शव सोमवार को अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए।

पुल पर पानी आने की एक बड़ी वजह बताया जा रहा है कि सजहा नाले को पाटकर वहां निर्माण सामग्री डंप कर दी गई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि नाले का प्राकृतिक बहाव रोका नहीं गया होता तो पानी पुल के ऊपर नहीं चढ़ता और यह हादसा टल सकता था।

पुल पार करने के लिए चंद्रशेखर को कई लोगों ने मना किया था। पास ही मौजूद वेयरहाउस के कर्मचारियों ने बताया कि पहले भी एक कार को लोगों ने खींचकर निकाला था। इसके बाद एक बस निकली, जिसे देख चंद्रशेखर ने भी कार बढ़ा दी। वेयरहाउस के कर्मचारी लगातार मना करते रहे, लेकिन हादसा हो गया।

सोमवार को जिला अस्पताल में एक साथ चार शव देख हर कोई गमगीन हो गया। मध्य प्रदेश शासन के कुटीर और ग्रामोद्योग राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और विधायक निधि से 25-25 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की।

कलेक्टर ने भी घटना पर दुख जताया और लापरवाही मानते हुए ग्राम औढ़ेरा के पटवारी, पंचायत सचिव और रोजगार सहायक पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही पुलिया से पहले बस पार कराने वाले ड्राइवर पर भी कार्रवाई की मांग की जा रही है, क्योंकि उसके पीछे ही चंद्रशेखर ने अपनी कार चलाई थी।

जानकारी के अनुसार, चंद्रशेखर मूल रूप से शहडोल जिले के धनपुरी के रहने वाले थे और वर्तमान में अनूपपुर में रह रहे थे। वह सोहागपुर स्थित एसईसीएल में फोरमैन के पद पर कार्यरत थे। पत्नी प्रीति यादव जिला अस्पताल में नर्स थीं। यह परिवार रविवार की छुट्टी पर अमरकंटक घूमने गया था, लेकिन लौटते वक्त यह हादसा हो गया।

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