साइबर थाना टीम को एक हफ्ते में दूसरी बड़ी सफलता, पहले भी भेजे जा चुके हैं तीन आरोपी जेल
बिलासपुर, 30 मई। रेंज साइबर थाना बिलासपुर की टीम ने बैंक अधिकारी बनकर केवाईसी अपडेट के नाम पर ओटीपी हासिल कर 26 लाख 74 हजार 701 रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले दो शातिर आरोपियों को सक्ती जिले से गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों आरोपी एक संगठित गिरोह के संपर्क में रहकर फर्जी सिम और फर्जी बैंक खातों के जरिये ठगी को अंजाम दे रहे थे।
कैसे हुआ खुलासा?
सकरी थाना क्षेत्र निवासी जॉनसंन एक्का को एक फोन कॉल आया, जिसमें खुद को बैंक अधिकारी बताकर आरोपी ने केवाईसी अपडेट करने के बहाने उसकी बैंकिंग जानकारी और ओटीपी प्राप्त कर लिया। इसके बाद पीड़ित के खाते से लोन लेकर करीब ₹26,74,701/- की ठगी कर ली गई। इस मामले में थाना सकरी में अपराध क्रमांक 936/2024 दर्ज किया गया था, जिसकी जांच रेंज साइबर थाना बिलासपुर को सौंपी गई।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
जांच के दौरान बैंक स्टेटमेंट, साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल की जानकारी और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर यह पता चला कि ठगी की रकम जिन खातों में भेजी गई, वे खाताधारक सक्ती जिले के निवासी हैं। इसके बाद रेंज साइबर थाना की टीम ने सक्ती रवाना होकर स्थानीय पुलिस की मदद से दो संदेहियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपी इस प्रकार हैं:
- हेमंत चंद्रा, पिता रामदयाल चंद्रा, उम्र 19 वर्ष, निवासी वार्ड नं. 5, कुसुमझर, थाना डभरा, जिला सक्ती
- रोहित रायल, पिता लक्ष्मण सिंह रायल, उम्र 28 वर्ष, निवासी वार्ड नं. 11, फगुरम, चौकी फगुरम, जिला सक्ती
कैसे करते थे ठगी?
पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे रबेली निवासी गांधी के संपर्क में आए थे, जिसने उन्हें बताया कि राउरकेला, आसनसोल और जामताड़ा के गिरोह को ऑनलाइन केवाईसी और निवेश के बहाने ठगी के लिए बैंक खातों की आवश्यकता होती है, बदले में मोटा कमीशन मिलता है। लालच में आकर हेमंत ने अपना और रोहित ने अपनी पत्नी अनीता रायल का बैंक खाता खुलवाया और एटीएम, मोबाइल नंबर और पासबुक गिरोह को सौंप दिए। इन खातों का उपयोग ठगी की रकम ट्रांसफर करने में हुआ।
न्यायालय में पेश, भेजे गए जेल
ठोस सबूत मिलने पर दोनों आरोपियों को 28 मई को विधिवत गिरफ्तार किया गया और न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
इस कार्रवाई में इनका रहा विशेष योगदान
इस पूरी कार्रवाई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) राजेन्द्र जायसवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ACCU) अनुज गुप्ता, सीएसपी सिविल लाइन निमितेश सिंह (रा.पु.से.) के मार्गदर्शन और प्रभारी निरीक्षक राजेश मिश्रा, निरीक्षक रविशंकर तिवारी, सहायक उप निरीक्षक सुरेश पाठक, प्रधान आरक्षक विक्कू सिंह ठाकुर तथा आरक्षक चिरंजीव कुमार का विशेष योगदान रहा।