राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अटल विवि के दीक्षान्त समारोह में विद्यार्थियों से साझा किया अनुभव
बिलासपुर। “राजनीति में आने के पहले मुझे विफलता का सामना करना पड़ा। अपने कॉलेज में मैं उपाध्यक्ष का चुनाव हार गई लेकिन हार नहीं मानी। उसके बाद फिर चुनाव लड़ा फिर लगातार दो बार चुनाव जीतीं। युवा अपना लक्ष्य विद्यार्थी जीवन में ही निर्धारित कर लें और उसकी प्राप्ति के लिए सुनियोजित तरीके से अध्य्यन करें। असफलता से निराश न हों और कमियों को दूर कर आगे बढ़ें।“
यह बात अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अध्यक्षयीय उद्बोधन से कही। राज्यपाल ने कहा कि जीवन में लक्ष्य होगा तभी हम उसे प्राप्त करने के लिए मेहनत करेंगे। विद्यार्थी सीखने की प्रवृत्ति को बनाए रखें। उपाधि प्राप्त कर विद्यार्थी एक नये जीवन में प्रवेश कर रहे हैं जो अपेक्षाकृत कठिन होगा। आपने विद्यार्थी जीवन में जो ज्ञान प्राप्त किया है, उसका उपयोग समाज को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल करें।
आज के कार्यक्रम में 126 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ, इनमें 90 छात्राएं हैं। इन छात्राओं को राज्यपाल ने विशेष बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चल रहा है, उसका यह उत्कृष्ट उदाहरण है। पूरे भारत में छत्तीसगढ़ को इस अभियान में 10वां स्थान मिला है, जिसका श्रेय रायगढ़ जिले को जाता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा में उच्च गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय इसके लिए प्रयासरत है। इस प्रयास के फलस्वरूप यहां के विद्यार्थी देश-विदेश में जाकर छत्तीसगढ़ और बिलासपुर का नाम रौशन कर रहे हैं।
दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का संदेश पढ़कर सुनाया गया। वे कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। मुख्यमंत्री ने संदेश में उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमेन प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षकों के लिए गौरव का क्षण है। यह विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक और शैक्षणिक धरोहर को सहेजने का एक अवसर है। इस संस्था के उच्च मापदंडों के अनुरूप लगन और परिश्रम से विद्यार्थियों ने शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने प्रदेश के लोगों को इस बात के लिए बधाई दी कि उच्च शिक्षा में यहां बेटियों का प्रतिशत बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सभी महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन कराना आवश्यक है। इसके अलावा सभी शिक्षकों के लिए एक माह का इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम चालू कर रहे हैं। नये विद्यार्थियों के लिए दीक्षारंभ कार्यक्रम भी शुरू किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने पांच गावों को गोद लेकर वहां की समस्याओं के निराकरण के लिए शोध करने की पहल की है। यहां विभिन्न क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। विश्वविद्यालय और कॉलेजों को ईको फैंडली बनाने का प्रयास भी हो रहा है, ये सभी कार्य प्रशंसनीय है।
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि उच्च-स्तरीय शोध, आधुनिक संचार प्रणाली को बढ़ावा देकर इस विश्वविद्यालय को देश में उत्कृष्ट स्थान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 6 महाविद्यालयों को नैक ने ए ग्रेड प्रदान किया है। छत्तीसगढ़ सरकार उच्च शिक्षा को नई पहचान दिलाने के लिए संकल्पित है। महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। सात मॉडल कॉलेजों की स्थापना प्रगति पर है। महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली लागू करने की पहल की जा रही है। प्रदेश के 13 महाविद्यालयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम और इंग्लिश लैब प्रारंभ किये जा रहे हैं। रूसा योजना के अंतर्गत महाविद्यालयों में अत्याधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
कुलपति प्रो. गौरीदत्त शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की बहुभाषी वेबसाइट बनाई गई है, जिसे 170 देशों में चार करोड़ लोग देख चुके हैं। यह एक रिकॉर्ड है। विश्वविद्यालय द्वारा नरवा, गरूवा, घुरूवा, बारी योजना के तहत 120 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किये गए हैं। दो सौ किसानों को जैविक खाद बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। अरपा नदी की सफाई के लिए एनएसएस ने उल्लेखनीय कार्य किया। ये सदस्य कुपोषण और टीबी से मुक्ति के लिए भी अभियान चला रहे हैं। विश्वविद्यालय में प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने पर सफल शोध हुआ है, जिसका पेटेंट भी कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि 180 कॉलेजों और लगभग 1.90 लाख विद्यार्थियों के साथ यह प्रदेश का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। आज 126 स्वर्ण मंडित पदक विद्यार्थियों को प्रदान किये गये, जिनमें 90 छात्राएं हैं, जो विश्वविद्यालय तथा प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
कार्यक्रम में सत्र 2015-16, 2016-17 तथा 2017-18 के विभिन्न परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले तथा विषय विशेष में प्रावीण्यता प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण मंडित पदक व विभिन्न स्मृति पदकों से सम्मानित किया गया।
दीक्षांत समारोह में जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक, सांसद अरूण साव, महापौर किशोर राय भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचस्थ थे।
समारोह में संभागायुक्त बी.एल. बंजारे, पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप गुप्ता, कलेक्टर डॉ. संजय अलंग, पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, विश्वविद्यालय कार्यपरिषद् के सदस्य, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव, महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं प्राध्यापक, उपाधिधारकों के अभिभावक, छात्र-छात्राएं व गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।