बैकुंठपुर (कोरिया)। जल संसाधन विभाग की शासकीय जमीन को निजी व्यक्ति के नाम पर अवैध रूप से नामांतरण करने के मामले में कलेक्टर विनय लंगेह ने कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने वर्तमान डिप्टी कलेक्टर, जल संसाधन विभाग के एसडीओ, और सब इंजीनियर के खिलाफ अपराध दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, नामांतरण को शून्य कर शासकीय भूमि को पुनः जल संसाधन विभाग के नाम पर दर्ज कराने के आदेश भी दिए हैं।

यह मामला बैकुंठपुर जिला मुख्यालय के पास झुमका बांध किनारे स्थित ग्राम सागरपुरा का है। यहां खसरा नंबर 442/2, रकबा 0.097 हेक्टेयर और खसरा नंबर 442/3, रकबा 0.089 हेक्टेयर की शासकीय भूमि को निजी व्यक्तियों के नाम पर अवैध रूप से दर्ज कर दी गई थी। तहसीलदार ऋचा सिंह (अब वर्तमान में कोरबा में डिप्टी कलेक्टर) द्वारा 2 मार्च 2021 और 5 दिसंबर 2021 को पारित आदेशों के तहत यह नामांतरण हुआ था।

इस अवैध नामांतरण से नाराज ग्रामीणों ने कलेक्टर के न्यायालय में अपील की थी। न्यायालय ने पाया कि शासकीय भूमि का नामांतरण विधि विरुद्ध तरीके से किया गया था। कलेक्टर विनय लंगेह ने नामांतरण निरस्त कर शासकीय भूमि को पुनः जल संसाधन विभाग के नाम पर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग बैकुंठपुर के कार्यपालन अभियंता को तत्कालीन तहसीलदार बैकुंठपुर ऋचा सिंह, तत्कालीन एसडीओ जल संसाधन विभाग बैकुंठपुर आरसी सोनी, तत्कालीन उप अभियंता जल संसाधन विभाग आरसी जैन, और तत्कालीन अमीन जलसंसाधन विभाग वैद्यनाथ शर्मा के खिलाफ अपराध दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। इन सभी अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर कलेक्टर न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया है।

तत्कालीन तहसीलदार ऋचा सिंह के खिलाफ विभागीय जांच की अनुशंसा भी की गई है। अब सेवानिवृत्त हो चुके एसडीओ, सब इंजीनियर, और अमीन के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। तहसीलदार बैकुंठपुर को 7 दिनों के भीतर शासकीय भूमि का नाम पुनः जल संसाधन विभाग के नाम पर दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here