बिलासपुर। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त को ग्रामीणों ने एक प्री-मैट्रिक छात्रावास के भीतर बंधक बना लिया। कलेक्टर तक शिकायत पहुंची तो एसडीएम और पुलिस ने पहुंचकर उन्हें छुड़ाया।

जिले के भर्रीडांड ग्राम में प्री-मेट्रिक कन्या छात्रावास संचालित है। यहां बीते कई दिनों से चावल व खाने-पीने के अन्य सामग्री की कमी चल रही है। बच्चियों के लिए भोजन की व्यवस्था ग्रामीण ही कुछ दिनों से कर रहे थे। छात्रावास में व्याप्त अव्यवस्था की शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से की थी। इसकी जांच के लिये सहायक आयुक्त एएन मिश्रा को हॉस्टल भेजा गया था। यहां जब वे कल शाम पहुंचे तो ग्रामीण वहां बैठे हुए थे। मिश्रा ने छात्रावास के भीतर प्रवेश कर जांच रिपोर्ट बनाई। आरोप है कि उन्होंने सारी व्यवस्था दुरुस्त होने की रिपोर्ट तैयार की थी। ग्रामीणों को जब यह पता चला तो उन्होंने मिश्रा से पूछताछ की। मिश्रा ने कह दिया कि मैं आप लोगों को जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हूं। इससे नाराज ग्रामीणों ने उन्हें हॉस्टल में एक कक्ष में कैद कर बाहर से गेट बंद कर दिया। करीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। गौरेला में कलेक्टर तक सूचना पहुंचने पर एसडीएम यहां पुलिस के साथ पहुंचे और मिश्रा को छुड़ाया। उन्होंने आश्वस्त किया कि छात्रावास में अब भोजन का संकट नहीं आएगा।

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