दो घर तोड़े, 16 किसानों की फसलें बर्बाद, वन विभाग अलर्ट मोड पर
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जीपीएम जिले के मरवाही वनमंडल क्षेत्र में हाथियों की वापसी से एक बार फिर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। बीते 10 दिनों से चार हाथियों का दल मरवाही वन परिक्षेत्र में लगातार विचरण कर रहा है, जो अब तक कई गांवों में भारी नुकसान पहुँचा चुका है। ग्रामीण रातभर जागकर घरों की रखवाली कर रहे हैं, जबकि वन विभाग की टीमें लगातार निगरानी में जुटी हैं।
खेत रौंदे, घर तोड़े – नुकसान से बेहाल ग्रामीण
मरवाही वन परिक्षेत्र के घुसरिया, मंजीटटोला, चिचगोहना और कुम्हारी इलाकों में बीते दो दिनों के भीतर हाथियों ने दो ग्रामीणों के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। इसके अलावा 16 किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद कर दी गई हैं। दहशत में ग्रामीण रात को आग जलाकर पहरा दे रहे हैं।
घुसरिया परिसर में सक्रिय है हाथियों का दल
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चार हाथियों का यह झुंड फिलहाल मरवाही परिक्षेत्र के घुसरिया परिसर के कक्ष क्रमांक 2051 के आसपास सक्रिय है। विभाग का अनुमान है कि यह दल आगे मरवाही, पंडरी और सचराटोला की ओर बढ़ सकता है। वन अमला लगातार मूवमेंट पर नजर रखे हुए है।
मध्यप्रदेश और कोरबा से आए हाथी
लगभग 15 दिन पहले तीन हाथियों का दल मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से छत्तीसगढ़ के मरवाही क्षेत्र में प्रवेश किया था। इसके बाद कटघोरा वनमंडल के पसान परिसर से एक और हाथी शामिल हो गया, जिससे दल की संख्या बढ़कर चार हो गई।
घायल हुआ था बच्चा, अब भी अस्पताल में भर्ती
इनमें शामिल तीन हाथियों ने मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के दैगंवा गांव में भी उत्पात मचाया था। वहां इन्होंने एक घर की दीवार तोड़कर अनाज खाने की कोशिश की थी, इस दौरान 7 वर्षीय रूद्र घायल हो गया था। उसका इलाज फिलहाल मरवाही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जारी है।
वन विभाग ने जारी की चेतावनी
हाथियों के मूवमेंट को देखते हुए वन विभाग ने तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले ग्रामीणों को जंगलों में जाने से बचने और पूरी सतर्कता बरतने की सलाह दी है। विभाग ने कहा है कि हाथियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें और किसी भी स्थिति में उन्हें छेड़ने की कोशिश न करें।