बलौदा। बिलासपुर के बड़े कोयला व्यापारी और बिल्डर महावीर कोल ग्रुप के कई ठिकानों में मंगलवार को जीएसटी की टीम ने छापामार कार्रवाई की। यह छापा जीएसटी के रायपुर स्पेशल इंवेस्टिगेशन विंग ने महावीर कोल वाशरी प्राइवेट लिमिटेड के तीनों कोल वाशरी बेलमुंडी, गतौरा और बलौदा में छापा मारा। टीम ने कई दस्तावेज जब्त किये हैं, ऐसी जानकारी सामने आई है।
महावीर कोल वाशरी जैन परिवार विनोद जैन, विशाल जैन और अंकित जैन का है। जीएसटी की टीम ने भिलई बलौदा के महावीर कोल वाशरी की संचालित 2 यूनिटों में भी दोपहर दो बजे छापा मारा। इसके अलावा टीम ने तखतपुर के बेलमुण्डी, भनेशर स्थित कोल वाशरी समेत व्यापार बिहार स्थित मुख्य कार्यालय में भी धावा बोला।
विभागीय सूत्रों की मानें तो जांच पड़ताल में बडी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। टीम के सदस्य कच्चे और पक्के बिल का हिसाब किताब देख रहे हैं। जीएसटी टीम दस्तावेज खंगालने के अलावा कर्मचारियों और प्रबंधन से जरूरी पूछताछ की। बताया जा रहा है मारे गए पांचों ठिकानों के हिसाब किताब मे समय लग सकता है। जीएसटी टीम को आशंका थी कि कोल वाशरी प्रबंधन ने टैक्स चोरी कर सरकार को करोड़ों रुपयों का नुकसान पहुंचाया है।
पिछले माह फरवरी में ही महावीर कोल वाशरी के एक नए फर्म मेसर्स इन्सपायर इंडस्ट्रीज कोल बेनिफिकेशन के नाम से नया यूनिट लगाने के लिए जनसुनवाई कराई थी। महावीर कोल वाशरी का प्रदेश में स्टोन क्रशिंग समेत कोयला खरीदी बिक्री को लेकर फैला हुआ कारोबार है।
छापा संदेह के दायरे में…
जीएसटी विजिलेंस टीम ने एक साथ सभी ठिकानों ने छापा डाला। यह छापा मार्च के अंतिम सप्ताह में डाला गया है। मार्च में सभी टैक्स औद्योगिक घराने एडवांस जमा कर चुकी रहती हैं। इसलिये यह छापा शिकायत की वजह से या फिर बनावटी हो सकती है। छापे के दौरान टीम के साथ किसी भी तरह का सुरक्षा बल नहीं था। आशंका है कि सारे दस्तावेज पहले से ही प्राप्त सूचना के आधार पर गायब कर दी गई हो। किसी भी प्रकार से टीम ने अनाधिकृत सामग्री सीज करने की जरूरत नहीं पड़ी।
जब मीडिया ने छापेमारी टीम के अधिकारियों से क्या मिला पूछा, तो उन्होने जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं होने और रानू साहू कमर्शियल टैक्स कमिश्नर से लेने की बात कही। वे दो सफेद रंग की बोलेरो से निकल लिए, जिसमें आये थे। छापा मारने के बाद वाशरी का माहौल सामान्य नजर आ रहा था। छापे को लेकर कोई हलचल नहीं थी।