हत्या, लूट, अपहरण की वारदातों में रहा शामिल, कांग्रेस ने अपनी पार्टी का होने से इंकार किया
बिलासपुर। हिस्ट्री शीटर संजू त्रिपाठी के हत्यारों की तलाश में पुलिस ने चारों ओर नाकेबंदी की है। इधर कांग्रेस की ओर से सफाई आई है कि वह उनकी पार्टी से नहीं जुड़ा था। पुलिस ने उसके वारदातों की सूची जारी की है, जिससे पता चलता है कि हत्या, हत्या के प्रयास, किनडेप, लूट, तलवार लहराने जैसे तीन दर्जन मामलों में शामिल रहा है। इसी साल उसने जमीन विवाद में अपने भाई पर भी जानलेवा हमला किया था। हत्या की जांच इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।
जमीन के व्यवसाय से जुड़े अपने आपको जिला कांग्रेस का महामंत्री होने का दावा करने वाले संजू त्रिपाठी की आज अंधाधुंध गोलियां चलाकर उस समय हत्या कर दी गई जब वह शाम लगभग 4.15 बजे बिलासपुर की ओर अपने घर लौट रहा था।
वह अपने को कांग्रेस से जुड़ा बताता रहा है। उसने कई कांग्रेस नेताओं को जन्मदिन की बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट भी डाले हैं। उसकी कार में जिला कांग्रेस महामंत्री लिखा हुआ है। साथ ही उसके सोशल मीडिया पेज पर भी यही पद लिखा हुआ है। साथ ही उसने अपने आपको इंटक के यूथ विंग का पदाधिकारी भी बताया है। इधर शाम को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने मीडिया को बताया कि संजू त्रिपाठी कांग्रेस से नहीं जुड़ा है। ‘छत्तीसगढ़’ ने इस संबंध में जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारी कमेटी में वह कभी नहीं रहा, कार्यकर्ता भी नहीं है। फिर नेम प्लेट और सोशल मीडिया पर वह महामंत्री लिखकर कैसे घूम रहा था, केशरवानी ने कहा कि हमें कभी मालूम नहीं हुआ, वरना कार्रवाई करते। युवक कांग्रेस से वह किसी समय जरूर जुड़ा था, लेकिन आज वह किसी पद में नहीं है। कुदुदंड इलाके के निवासी मृतक संजू त्रिपाठी के पिता जय नारायण त्रिपाठी भी एक समय राजनीति से जुड़े थे व भाजपा से पार्षद भी रहे।
संजू त्रिपाठी के खिलाफ पुलिस ने गंभीर अपराधों की सूची जारी की है, जिनमें हत्या के दो मामलों के अलावा करीब एक दर्जन मामलों में पुलिस ही शिकायतकर्ता रही है। इतने अधिक मामलों के बावजूद वह खुले में घूम रहा था। पुलिस का कहना है कि उसके जिला बदर के लिए फाइल तैयार की जा रही थी। इसी साल मई माह में मृतक संजू त्रिपाठी ने अपने छोटे भाई कपिल त्रिपाठी पर फरसा से हमला कर दिया था। उसे गंभीर हालत में अपोलो हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था। इसके पीछे जमीन का विवाद था, जिसमें मध्यस्थता के लिए एक पुलिस जवान भी सिविल लाइन थाने से गया था। पुलिस ने इस मामले में मामूली धाराओं में उसके विरुद्ध अपराध दर्ज किया था। मृतक के खिलाफ जमीन हथियाने, जबरन रजिस्ट्री कराने के लिए धमकाने के आरोप में कई बार एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
इन सब परिस्थितियों के चलते आशंका व्यक्त की जा रही है कि उसकी हत्या जमीन विवाद और उससे उपजी रंजिश के चलते की गई होगी। पर, इस समय पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है।
घटना शाम सवा चार बजे मुंगेली रोड पर सकरी के पहले हुई। जानकारी मिली है कि संजू त्रिपाठी अपने खेत से बिलासपुर की ओर लौट रहा था। वह खुद ही ड्राइविंग कर रहा था। उसके साथ सामने की सीट पर और कोई नहीं था लेकिन पीछे कोई और सवार था या नहीं, यह मालूम नहीं हो सका है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बाईपास फ्लाईओवर के नीचे ब्रेकर पर त्रिपाठी की कार धीमी हुई थी। इसी बीच हमलावरों ने उस पर गोलियां चलाई। लोगों ने एक के बाद एक फायरिंग की 8 बार आवाज सुनी। अंदाजा यह लगाया जा रहा है कि त्रिपाठी ने भी जवाबी फायरिंग करने की कोशिश की पर पुलिस ने यह नहीं बताया है कि उसकी कार से कोई हथियार मिला है या नहीं। हमलावर दो कार से आए थे। दोनों कार बाईपास की सड़क पर अलग-अलग दिखा में तेज रफ्तार से निकल गई। सड़क एक ओर रायपुर तथा दूसरी ओर रतनपुर रोड को जोड़ती है।
फाररिंग और मर्डर की खबर मिलते ही आईजी बद्रीनारायण मीणा, एसएसपी पारुल माथुर सहित आला अधिकारी व पुलिस जवान घटनास्थल पर पहुंच गए। आसपास के सभी थानों को सूचना देकर गाड़ियों की चेकिंग शुरू की गई। पर घटना के चार घंटे बाद तक आरोपियों के बारे में सुराग नहीं मिल सका है।