हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल ने कांग्रेस की बड़ी जीत का संकेत दिया है। 5 अक्टूबर को हुए मतदान के बाद जारी हुए विभिन्न एग्जिट पोल्स ने यह संभावना जताई है कि कांग्रेस पार्टी राज्य में भारी बहुमत से सरकार बना सकती है। जबकि भाजपा को सीटों में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। चुनाव के आधिकारिक परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत का अनुमान

‘दैनिक भास्कर’ के एग्जिट पोल के अनुसार, हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में कांग्रेस को 44 से 54 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि भाजपा 15 से 29 सीटों पर सिमट सकती है। वहीं, रिपब्लिक-मैट्राइज के पोल में कांग्रेस को और भी अधिक सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है, जिसमें पार्टी को 55 से 62 सीटें मिल सकती हैं और भाजपा को 18 से 24 सीटों तक सीमित बताया गया है।

अन्य एग्जिट पोल्स के परिणाम:

  • रेड माइक-डेटांश एग्जिट पोल: कांग्रेस को 50-55 सीटें और भाजपा को 20-25 सीटें।
  • ध्रुव रिसर्च पोल: कांग्रेस को 50-64 सीटें, जबकि भाजपा को 22-32 सीटें मिलने का अनुमान।
  • पीपल्स पल्स पोल: कांग्रेस को 49-61 सीटें और भाजपा को 20-32 सीटें।

इन एग्जिट पोल्स में ज्यादातर सर्वेक्षणों ने कांग्रेस की भारी जीत का अनुमान लगाया है, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि हरियाणा में सत्ता परिवर्तन हो सकता है। वहीं, इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) को जननायक जनता पार्टी (JJP) से अधिक सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। INLD को 3-6 सीटें और JJP को 0-3 सीटें मिल सकती हैं।

भूपिंदर सिंह हुड्डा का बड़ा दावा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने एग्जिट पोल के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि हम 65 से अधिक सीटें जीतेंगे। कांग्रेस भारी बहुमत से सरकार बनाएगी।” हुड्डा का दावा कांग्रेस के लिए उत्साहजनक माना जा रहा है, क्योंकि उनके नेतृत्व में पार्टी ने किसान मुद्दों, बेरोजगारी, और अन्य स्थानीय समस्याओं को चुनावी एजेंडे में रखा था।

भाजपा की प्रतिक्रिया

हालांकि एग्जिट पोल्स में भाजपा की स्थिति कमजोर नजर आ रही है, फिर भी पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि भाजपा हरियाणा में फिर से सरकार बनाएगी। चुनाव परिणाम आने तक इंतजार करना होगा।” भाजपा के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिश कर रही थी।

चुनावी मुद्दे और परिणाम की प्रतीक्षा

इस चुनाव में किसानों की समस्याएं, विशेषकर फसलों की कीमतों और कर्ज से जुड़े मुद्दे प्रमुखता से छाए रहे। इसके अलावा, युवाओं में बेरोजगारी भी बड़ा चुनावी मुद्दा बनी रही, जिसे कांग्रेस ने अपने चुनावी प्रचार का मुख्य हिस्सा बनाया। पार्टी ने केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना और अन्य नीतियों पर भी सवाल उठाए।

मतदान का विश्लेषण

हरियाणा में 5 अक्टूबर को एक ही चरण में चुनाव संपन्न हुए, जिसमें 61% मतदान दर्ज किया गया। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत अलग-अलग रहा। मेवात में सर्वाधिक 68.28% मतदान हुआ, जबकि गुरुग्राम में सबसे कम 49.97% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कुल 1,031 उम्मीदवारों ने 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव लड़ा, और राज्य भर में 20,632 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे।

2019 के चुनाव परिणामों की तुलना

2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 40 सीटें जीती थीं और जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई थी। JJP ने उस समय 10 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने 31 सीटें जीती थीं। लेकिन इस बार JJP और भाजपा का गठबंधन टूट चुका है, और JJP का प्रदर्शन कमजोर होता दिख रहा है।

चुनावी परिणाम और प्रभाव

हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। यह चुनाव परिणाम न केवल हरियाणा की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा असर डाल सकते हैं। इसके अलावा, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में भी आगामी चुनावों के परिणामों पर इसका असर पड़ने की संभावना है।

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