बिलासपुर। हाईकोर्ट में लगातार अवमानना मामलों की पेंडेंसी में कमी आ रही है। मार्च 2023 में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के प्रभार संभालने के बाद अभी तक 1143 मामलों का निराकरण किया जा चुका है, जिससे आम लोगों को राहत मिली है। वर्तमान में 10 जुलाई की स्थिति में 944 मामले ही लंबित हैं। खास बात है कि यह पहली बार हुआ है कि अवमाननों मामलों की सुनवाई और निराकरण के लिए चीफ जस्टिस सिन्हा ने अलग से रोस्टर जारी किया है। इससे अब अवमानना मामलों की सुनवाई दो से अधिक कोर्ट में हो रही है, जिससे प्रकरणों का त्वरित गति से निराकरण हो रहा है।
गौरतलब है कि नवंबर 2022 में हाईकोर्ट में 2299 मामले अवमानना के लंबित थे। इसके बाद मार्च 2023 में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने ज्वाइन करने के साथ ही इसके लिए अलग से व्यवस्था की। पिछले करीब एक सालों में 720 और मामले अवमानना के दायर हुए। उसके बाद भी लंबित प्रकरणों की संख्या नहीं बढ़ी और तेजी से निराकरण किया गया।
ज्ञात हो कि हाईकोर्ट के आदेश का सरकारी अफसर पालन नहीं करते तो याचिकाकर्ताओं को फिर से कोर्ट आकर अवमानना की याचिका लगानी पड़ती है। सन् 2015 में अवमाननना के 611 केस रजिस्टर्ड किए गए थे। सन् 2016 में 650, सन् 2017 में 792, सन् 2018 में 1329, सन् 2019 में 1209, सन् 2020 में 1023, सन् 2021 में 1016, सन् 2022 में 1282, सन् 2023 में 1194 तथा सन् 2024 में 30 जून तक 720 अवमानना के केस रजिस्टर्ड किए गए। इसी अवधि में सन् 2016 से 2022 तक डिस्पोजल केस की संख्या क्रमशः 814, 597, 736, 1019, 958, 507, 538 तथा 946 रही। इस साल 2024 में 10 जुलाई तक की स्थिति में 649 केस डिस्पोज किए जा चुके हैं, जो एक बड़ी संख्या है। सन् 2023 में डिस्पोज केस की संख्या 2623 रही। जो बीते एक दशक में सर्वाधिक थी। इस वर्ष अभी तक दायर अवमानना केस की संख्या 720 है जबकि पुराने मामलों को लेकर 966 केस पेंडिंग हैं।

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