बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेडी टू ईट मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों व गर्भवती महिलाओं को दिये जाने वाले पौष्टिक आहार के निर्माण और वितरण का काम राज्य कृषि बीज विकास निगम को देने का निर्णय लिया है। निगम ने इस योजना के संचालन के लिए एक निजी कंपनी से अनुबंध किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश की महिला स्व-सहायता समूहों ने याचिका दायर की है। अब तक यह कार्य इन समूहों के पास था। याचिका में कहा गया कि इससे करीब 20 हजार महिलाओं का रोजगार छिन जाएगा। महिला बाल विकास विभाग ने उनके साथ तीन वर्ष का अनुबंध है, जो समाप्त नहीं हुआ है। इस अनुबंध के आधार पर ही उन्होंने बैंको से कर्ज लेकर पौष्टिक आहार बनाने का काम शुरू किया है। उनसे कार्य छीने लिए जाने पर वे कर्ज में डूब जाएंगे।

हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद पौष्टिक आहार के नए अनुबंध को लागू करने पर रोक लगा दी थी। पिछले 15 दिनों से इस मामले की कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here