निजामुद्दीन की मरकज में शामिल जमातियों तथा उनके सम्पर्क में आने वालों की जिलेवार सूची भी मांगी, अगली सुनवाई 17 को

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बिलासपुर में तीन दिन के भीतर कोरोना टेस्ट लैब खोलने और केन्द्र सरकार को इसकी स्वीकृति अगले तीन दिन के भीतर देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि दिल्ली के जमात में शामिल होने वालों तथा उनके सम्पर्क में आने वालों की जिलेवार जानकारी प्रस्तुत करें। प्रकरण पर अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये कोरोना से जुड़े पांच मामलों में दायर जनहित याचिका पर आगे की सुनवाई की। जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस गौदतम भादुड़ी की पीठ ने बीते 9 अप्रैल को पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिग से इसकी सुनवाई की थी। तब हाईकोर्ट ने तबलीगी जमात के 52 लोगों की तलाश करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था। राज्य सरकार की ओर से आज बताया गया कि जमात में शामिल सभी लोगों की पतासाजी की जा चुकी है और अब कोई भी लापता नहीं है। इस पर कोर्ट ने सभी जमातियों तथा उनके सम्पर्क में आने वालों की जिलेवार सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने ध्यान दिलाया कि कोरोना संक्रमण के केस समीपवर्ती कटघोरा में लगातार सामने आ रहे हैं लेकिन यहां कोई टेस्ट लैब नहीं है। इसके अलावा याचिका में मांग की गई थी कि प्रदेश के दोनों कोरोना टेस्ट लैब प्रदेश के दक्षिण भाग में है जबकि उत्तरी भाग में आने वाले जिलों बिलासपुर, रायपुर, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर आदि में कहीं टेस्ट की सुविधा नहीं है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि तीन दिन के भीतर बिलासपुर में कोरोना टेस्ट लैब स्थापित करे। केन्द्र सरकार को निर्देश दिया गया कि वे इसके अगले तीन दिन के भीतर टेस्ट लैब के संचालन की अनुमति दे।

कोर्ट में कोरोना संक्रमण के चलते जारी लाकडाउन के दौरान शराब दुकानों के खोलने की प्रक्रिया जारी रहने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए याचिका दायर की गई थी। यह बताया गया था कि राज्य शासन ने शराब दुकान खोलने को लेकर राय देने के लिए एक समिति भी बनाई है। राज्य सरकार और बेवरेज कार्पोरेशन की ओर से बताया गया कि चूंकि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान शराब दुकान नहीं खोलने का आदेश जारी कर दिया है इसलिये यह समिति स्वमेव निष्प्रभावी हो गई है। हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 14 अप्रैल तक राज्य सरकार को यथोचित निर्णय लेने कहा है।

 

 

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