बिलासपुर। सकरी नगर पंचायत को नगर निगम बिलासपुर में शामिल करने के खिलाफ़ दायर याचिका हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दी है।
दायर याचिका में कहा गया था कि 20 अगस्त 2019 की अधिसूचना के तहत सकरी को नगर पालिक निगम बिलासपुर में सम्मिलित कर लिया गया। उक्त निर्णय के पहले सकरी के निवासियों की ओर से प्रस्तुत दावा-आपत्तियों का निराकरण नहीं किया गया न ही उन्हें सुनवाई का अवसर दिया गया।
उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि सकरी को नगरपालिक निगम में शामिल करने की अधिसूचना पूरी तरह से विधिक प्रावधानों का पालन करते हुए जारी की गई है। इसे लेकर प्रस्तुत दावा-आपत्तियों पर जनहित को ध्यान में रखते हुए शासन ने निर्णय लिया। इसमें किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है और विधि के अनुसार सभी दावा-आपत्तियों का निर्णय प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है तथा किसी भी व्यक्ति की स्वयं सुनवाई आवश्यक नहीं है।
चीफ जस्टिस पी.आर. रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी.पी. साहू की डबल बेंच ने पक्षकारों को सुनने के बाद कहा है कि शासन के निर्णय में किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। याचिका में किसी प्रकार का जनहित भी शामिल नहीं है इसलिये इसे खारिज किया जाता है।