मानहानि का केस रायपुर की अदालत मे की गई है दायर
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने इंडियन एक्सप्रेस बोर्ड के चेयरमेन विवेक गोयनका तथा इसके मुद्रक, प्रकाशक तथा सम्पादकीय टीम के खिलाफ निचली अदालत में चल रही कार्रवाई पर दो अलग-अलग आदेशों में रोक लगा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इनके खिलाफ अपराधिक मानहानि का केस दायर किया और दो करोड़ रुपये हर्जाने की मांग की है।
सन् 2015 में इंडियन एक्सप्रेस में अंतागढ़ मामले पर समाचार छपा था। इसमें कथित रूप से एक आडियो टेप का हवाला देते हुए बताया गया था कि अंतागढ़ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार की नाम वापसी के लिए प्रलोभन व दबाव डालने के लिए अजीत जोगी ने बातचीत की है। यह बातचीत विस्तार इंडियन एक्सप्रेस ने छापी थी। प्रकाशन के बाद 5 जनवरी 2016 को अजीत जोगी नेअंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के खिलाफ मानहानि का आपराधिक मुकदमा दायर किया। यह मुकदमा अखबार के रिपोर्टर, संपादक, प्रधान संपादक, मुद्रक, प्रकाशक और ग्रुप के चेयरमेन के खिलाफ याचिका लगाई गई थी। अदालत में उन्होंने कहा था कि बेबुनियाद और आधारहीन मामले में उनके सम्मान को चोट पहुंचाई गई है। इसकी वजह से उन्हें न्यायालय आना पड़ा है। जोगी ने अंतागढ़ टेपकांड में उनका नाम शामिल करने पर अखबार को चेतावनी दी थी कि अगर सात दिन के भीतर माफी नहीं मांगी तो अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा। इसके लिए पहले अखबार को नोटिस भेजी गई थी और इस बीच अखबार द्वारा खंडन या माफी नहीं मांगने के बाद, जोगी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499, 500, 501, 502, 34 के तहत इंडियन एक्सप्रेस के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत में मानहानि का आपराधिक परिवाद दायर किया । जोगी ने इसे साइबर क्राइम का मामला भी बताया और दो करोड़ रुपये हर्जाने की मांग की।
मानहानि के दो अलग-अलग मुकदमे दायर किये गये थे। एक में इंडियन एक्सप्रेस समूह के चेयरमेन विवेक गोयनका को तथा दूसरे में मुद्रक, प्रकाशक, प्रधान सम्पादक, सम्पादक और रिपोर्टर को प्रतिवादी बनाया गया था।
इस मामले में निचली अदालत की सुनवाई के खिलाफ चेयरमेन विवेक गोयनका की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इस पर बुधवार को जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने सुनवाई पर स्थगन दिया। दूसरे परिवाद में, जिसमें मुद्रक, प्रकाशक, प्रधान सम्पादक सहित 6 लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है पर गुरुवार को स्थगन दे दिया। हाईकोर्ट ने स्थगन के लिए देर से याचिका लगाने पर सवाल उठाया। इस पर प्रतिवादियों ने बताया कि उन्हें नोटिस नागपुर कार्यालय में भेजा जाता था, जो उन्हें प्राप्त नहीं होता था। देरी के कारण से संतुष्ट होते हुए उनकी याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर आदेश दिया। अगली सुनवाई तक स्थगन आदेश जारी रहेगा। इंडियन एक्सप्रेस की ओर से आदिल मिन्हाज ने पैरवी की।