बिलासपुर/ रायपुर। भारतमाला प्रोजेक्ट में हुए मुआवजा घोटाले के मामले में जेल में बंद चार आरोपियों को हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है। ये सभी पिछले तीन महीने से रायपुर जेल में बंद थे।

मुख्य आरोपी हरमीत खनूजा समेत चार को राहत

जिन आरोपियों को जमानत मिली है उनमें हरमीत खनूजा, उमा देवी तिवारी, केदार तिवारी और विजय जैन शामिल हैं। इन सभी ने अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दी थी। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकील सरफराज खान और अन्य अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि जमानत न देने का कोई वैधानिक कारण नहीं है। कोर्ट ने दस्तावेजों और दलीलों के आधार पर चारों को नियमित जमानत दे दी।

दो दिन पहले और 6 गिरफ्तार, कुल गिरफ्तारियां 10

इस मामले में EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने दो दिन पहले ही जल संसाधन विभाग के 2 अधिकारियों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें रिटायर्ड अमीन गोपाल राम वर्मा, नरेंद्र नायक, खेमराज कोसले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और कुंदन बघेल शामिल हैं।

अब तक इस घोटाले में कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

क्या है भारतमाला घोटाला?

भारतमाला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की राष्ट्रीय राजमार्ग विकास योजना है, जिसके तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक 463 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क बनाई जा रही है।

जांच में सामने आया कि जमीन अधिग्रहण के दौरान 43 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI से 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। दस्तावेजों में बैक डेट में फेरबदल कर यह घोटाला अंजाम दिया गया।

EOW की जांच में क्या सामने आया?

EOW की जांच में पता चला कि यह घोटाला एक सिंडिकेट के जरिए किया गया जिसमें SDM, पटवारी और भू-माफिया शामिल थे।

इसमें दशमेश इंस्टा वेंचर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का नाम आया है, जिसके डायरेक्टर हरमीत खनूजा और SDM शशिकांत कुर्रे की पत्नी भावना कुर्रे हैं। आरोप है कि हरमीत ने किसानों को ज्यादा मुआवजा दिलाने का झांसा देकर जमीनें खरीदीं और सबसे बड़ी भूमिका उसी की रही।

SDM की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

दूसरी ओर इसी भारतमाला परियोजना घोटाले में एसडीएम निर्भय साहू की अग्रिम जमानत अर्जी को रायपुर के विशेष न्यायाधीश ने खारिज कर दिया। गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए एसडीएम ने जमानत के लिए आवेदन लगाया था। इसमे बताया था कि उनका पूरे प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है। वह 12 फरवरी 2020 के पहले वह रायपुर और अभनपुर में पदस्थ नहीं थे।

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