सीबीएसई ने 5 साल तक किया छात्र को परेशान
बिलासपुर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक छात्र को अब अंकसूची प्रमाण पत्र में अपनी मां का असली नाम अंकित मिलेगा। सीबीएसई के साथ बीते 5 सालों के पत्राचार के बावजूद सुधार नहीं होने पर पीड़ित छात्र ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
बिलासपुर के प्रियांशु साहू ने 2017 में दसवीं बोर्ड की परीक्षा सीबीएसई से पास की। इसमें उनकी मां का नाम रश्मि साहू अंकित किया गया था। इस गलती पर ध्यान देने के बाद उसने सीबीएसई को अंकसूची सुधार कर भेजने का आवेदन किया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। छात्र ने आगे पढ़ाई करते हुए 12वीं बोर्ड की परीक्षा भी पास कर ली। इस बीच किए गए पत्राचार का कोई असर नहीं हुआ और 12वीं बोर्ड की अनुसूची में भी माता का नाम रश्मि साहू ही दर्ज किया गया। अब अभिभावकों ने सीबीएसई को लगातार पत्र लिखकर और अन्य माध्यमों से संपर्क कर प्रियांशु की अंकसूची में सुधार करने की चिट्ठी लिखी। सीबीएसई की ओर से बहुत बाद में पत्र आया उनके नियम में अंकसूची सुधार करने का कोई प्रावधान नहीं है। एक बार जो अंक सूची तैयार हो चुकी है, उसमें कोई संशोधन नहीं किया जा सकता।
छात्र प्रियांशु ने अधिवक्ता राजेश केशरवानी के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उनकी मां का नाम लक्ष्मी साहू है और अंकसूची में गलत नाम दर्ज कर दिया गया है। सीबीएसई ने इसमें सुधार करने से मना कर दिया है जिसके चलते उसे भविष्य में परेशानी हो सकती है।
याचिकाकर्ता की ओर से प्रमाण के रूप में अपनी मां लक्ष्मी साहू का वोटर आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड और उनका दसवीं उत्तीर्ण होने का सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया गया। साथ ही प्रियांशु का बर्थ सर्टिफिकेट भी जमा किया गया सभी दस्तावेजों में मां का नाम लक्ष्मी साहू ही दर्ज है।
जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। उन्होंने सीबीएसई को आदेश दिया है कि अविलंब अनुसूची में सुधार कर प्रियांशु साहू की माता का असली नाम लक्ष्मी साहू दर्ज कर संशोधित अंक सूची जारी की जाए।
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