बिलासपुर। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में चिकित्सकों के 800 पदों की भर्ती के लिये जारी विज्ञापन पर रोक लगा दी है शासन से जवाब मांगा है।

अधिवक्ता शशांक ठाकुर और वैभव शुक्ला के माध्यम से याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि 21 सितम्बर 2020 को हेल्थ वर्कर (चिकित्सक) की भर्ती के लिये जारी विज्ञापन एकल पीठ के आदेश के विपरीत है। एकल पीठ में याचिकाकर्ताओं ने पूर्व में एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत की जा रही 800 पदों की भर्ती में आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सकों को अवसर नहीं दिये जाने पर आपत्ति की थी। अन्य राज्यों व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की गाइडलाइन का हवाला देते हुए याचिकाकर्ताओं ने भर्ती में स्वयं को अवसर दिये जाने की मांग की थी। एकल पीठ ने 13 अगस्त 2020 को याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश दिया था और शासन को आदेश दिया था कि आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सकों के आवेदन भी लिये जायें। इस आदेश के खिलाफ शासन की ओर से डबल बेंच में अपील की गई थी, जिस पर सुनवाई होनी थी। इस दौरान शासन ने 20 सितम्बर 2020 को डबल बेंच में लगाई गई अपनी याचिका वापस ले ली। दूसरी तरफ इसी दिन उन्होंने फिर उन्हीं 800 पदों के लिये नया विज्ञापन जारी कर दिया। नये विज्ञापन में भी पदों की संख्या और आवेदकों की पात्रता पूर्ववत रखी गई थी। इस विज्ञापन में सिर्फ तीन दिन के भीतर आवेदन मांगे गये थे। साथ ही इस नये विज्ञापन में भी कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए याचिकाकर्ताओं को अवसर नहीं दिया गया था।

याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 800 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को रोकने तथा 20 सितम्बर के विज्ञापन को निरस्त करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई से पहले शासन को अपना जवाब दाखिल करना है।

 

 

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here