प्रभावित 84 छात्रों को एक माह के भीतर 25-25 हजार मिलेंगे 

बिलासपुर। बलौदाबाजार जिले के पलारी विकासखंड के लच्छनपुर शासकीय विद्यालय में मासूम बच्चों को कुत्ते का जूठा भोजन परोसे जाने कीृ घटना पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को प्रभावित प्रत्येक छात्र को 25-25 हजार रुपये का मुआवजा एक माह के भीतर अदा करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि इस तरह की घोर लापरवाही असहनीय है और मासूम बच्चों की जान को खतरे में डाल दिया गया।

यह घटना 28 जुलाई को सामने आई थी, जब जय लक्ष्मी स्व सहायता समूह द्वारा तैयार मिड-डे मील को कुत्ते ने जूठा कर दिया था। छात्रों ने इस बारे में शिक्षकों को जानकारी दी, इसके बावजूद वही भोजन बच्चों को परोसा गया। नतीजतन 84 छात्रों को एंटी-रेबीज वैक्सीन की तीन-तीन खुराक लगानी पड़ी। इस गंभीर मामले को कोर्ट ने स्वतः संज्ञान में लिया।

जांच के लिए गठित एसडीएम और बीईओ की दो सदस्यीय समिति ने 2 अगस्त को गांव में बयान दर्ज किए, जिसमें स्पष्ट हुआ कि शिक्षकों को घटना की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने भोजन हटाने की बजाय बच्चों को परोसने दिया। रिपोर्ट के आधार पर प्रधानपाठक संतोष कुमार साहू, क्लस्टर प्राचार्य और अन्य शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया। तीन शिक्षकों की एक-एक वेतनवृद्धि रोक दी गई है। वहीं, दोषी जय लक्ष्मी स्व सहायता समूह को मिड-डे मील योजना से हटाकर आगे किसी भी सरकारी लाभ से वंचित कर दिया गया है।

अदालत ने राज्य सरकार की लापरवाही को गंभीर और असहनीय बताते हुए कहा कि जब सरकार बच्चों की पढ़ाई और पोषण पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, तब इस तरह की घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। कोर्ट ने स्कूल शिक्षा सचिव को निर्देश दिया है कि वे व्यक्तिगत शपथपत्र पेश करें और बताएं कि सभी प्रभावित छात्रों का पूरा टीकाकरण हो चुका है या नहीं, दोषी अधिकारियों और शिक्षकों के खिलाफ अंतिम कार्रवाई क्या हुई और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए हैं।

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