अखिल भारतीय स्पर्धाओं में पुरस्कार हासिल किए जोन के कर्मचारियों ने

राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 70वीं बैठक

बिलासपुर हिंदी हमारी राजभाषा होने के साथ ही देश की सबसे बड़ी संपर्क भाषा और ज्यादातर लोगों की मातृभाषा है। सरकारी कामकाज में सरल और सहज हिंदी का प्रयोग करें।” यह बात दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की महाप्रबंधक नीनु इटियेरा ने क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 70वीं बैठक में कही। बैठक ज़ोनल सभाकक्ष, बिलासपुर में आयोजित की गई थी।
बैठक की शुरुआत मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक शिवशंकर लकड़ा द्वारा महाप्रबंधक, अपर महाप्रबंधक, सभी विभागाध्यक्षों, मंडलों,कारखानों के सदस्यों और पुरस्कार विजेता कर्मचारियों के स्वागत के साथ हुई। उन्होंने मार्च 2024 को समाप्त तिमाही में राजभाषा प्रगति पर मदवार आंकड़े प्रस्तुत किए, जिन पर बैठक में उपस्थित सदस्यों ने विस्तारपूर्वक चर्चा की।
महाप्रबंधक इटियेरा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा, “हिंदी केवल एक संचार माध्यम नहीं है, बल्कि उससे भी बढ़कर है। आज हिंदी की भूमिका वाणिज्य, फिल्म, कला और अन्य क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही है। रेल सेवा से जुड़े होने के कारण हम इसका उपयोग करते हैं और इससे जुड़े लोगों के संपर्क में आते हैं।”
उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों से आग्रह किया कि सरकारी कामकाज में सरल, सहज और जनसामान्य को समझ में आने वाली हिंदी का प्रयोग करें। इस अवसर पर उन्होंने पुरस्कार विजेता कर्मचारियों को बधाई भी दी।
मुख्य राजभाषा अधिकारी शिवशंकर लकड़ा ने मार्च तिमाही की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि अखिल रेल हिंदी नाट्योत्सव-2023 में प्रधान कार्यालय की टीम द्वारा मंचित “बांयेन” नाटक को प्रेरणा पुरस्कार तथा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्राप्त हुआ। केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो, मुम्बई से अनुवाद प्रशिक्षण में आर. विनय को स्वर्ण पदक एवं प्रशस्ति पत्र मिला। मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार योजना 2022 के लिए सुदेश कुमार मेहर की पुस्तक “सोअहम” को रेलवे बोर्ड का प्रथम पुरस्कार और 20,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला। क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र, भुसावल में आयोजित अखिल रेल हिंदी निबंध प्रतियोगिता में चंद्रहास सिंह क्षत्री को प्रेरणा पुरस्कार मिला।
अपर महाप्रबंधक विजय कुमार साहू ने कहा कि केन्द्र सरकार के कार्यालयों में कार्य की एकरूपता लाने के लिए हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। इसलिए हमारा नैतिक दायित्व है कि हम रोजमर्रा के कार्यों में हिंदी का अधिक उपयोग करें। वर्तमान में प्रचलित कृत्रिम मेधा का उपयोग कर हिंदी में कार्य को और सरल बनाया जा सकता है।
बैठक का संचालन शिवशंकर लकड़ा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन समिति के सचिव एवं वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी राजेश कुमार तिवारी ने किया।
 

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