“आओ संवारे कल अपना” अभियान के समर कैंप का महमंद में भव्य समापन
बिलासपुर। बिलासपुर जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे चेतना अभियान – “आओ संवारे कल अपना” के अंतर्गत ग्राम महमंद में एक माह तक चले समर कैंप एवं खेल महोत्सव का रंगारंग समापन हुआ। इस आयोजन में 500 से अधिक ग्रामीणों और बच्चों ने भाग लिया, जिसमें 200 से अधिक बच्चों ने विभिन्न खेलों में उत्साहपूर्वक भागीदारी की।
बच्चों को मिला मंच, प्रतिभा को मिली पहचान
ग्राम के प्राइमरी और हाई स्कूल मैदान में आयोजित इस समर कैंप का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को मोबाइल व नशे की लत से दूर कर खेलों, सांस्कृतिक गतिविधियों और स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली की ओर प्रेरित करना था। इस दौरान फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन, वॉलीबॉल व दौड़ जैसे खेलों में प्रशिक्षण हेतु 13 युवा प्रशिक्षकों की सेवाएं ली गईं।
समापन समारोह में सम्मान और सराहना
समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने की। मंच पर एएसपी राजेन्द्र जयसवाल, अर्चना झा, सीएसपी अक्षय प्रमोद साबद्रा, जिला पंचायत सदस्य अरुणा चंद्रप्रकाश सूर्या, सरपंच पूजा निर्मलकर, विक्की निर्मलकर सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर 118 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया और सभी बच्चों को उपहार वितरित किए गए। खेल प्रशिक्षकों और कार्यक्रम की सहयोगी संस्था जीवधारणी फाउंडेशन के विकास वर्मा एवं उनकी टीम को भी सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां
बच्चों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, समूह नृत्य, गीत और मोबाइल की लत पर आधारित नुक्कड़ नाटक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन उप निरीक्षक उमाशंकर पांडे ने किया।
अधिकारियों ने की सराहना
एसएसपी रजनेश सिंह ने कहा, “यदि बच्चों को सही मार्गदर्शन, साधन और मंच मिले, तो वे समाज का गौरव बन सकते हैं।”
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने “आओ संवारे कल अपना” अभियान को आज की सामाजिक चुनौतियों के खिलाफ सशक्त पहल बताया और बिलासपुर पुलिस की इस पहल की सराहना की।
समापन एक प्रेरणादायक उदाहरण
रंग-बिरंगे कार्यक्रमों और ग्रामीणों की भारी उपस्थिति के साथ यह आयोजन प्रेरणादायक और ऐतिहासिक समापन की ओर बढ़ा।
ज्ञातव्य है कि बिलासपुर पुलिस का यह अभियान जिलेभर में विभिन्न गांवों में जारी है, जो बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ गर्मी की छुट्टियों में उन्हें रचनात्मक और अनुशासित गतिविधियों से जोड़ने का प्रभावी माध्यम बन रहा है।