न्यायिक अधिकारियों के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की रजत जयंती पर  बहस प्रतियोगिता का आयोजन

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की रजत जयंती वर्षगांठ के अवसर पर न्यायिक अधिकारियों के लिए बहस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 30 अगस्त को हाईकोर्ट के ऑडिटोरियम में हुआ, जिसमें राज्यभर के न्यायिक अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिता का विषय था – “अपराध में तकनीक का प्रभाव”

कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमेश सिन्हा विशेष रूप से मौजूद रहे और उन्होंने विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। प्रतियोगिता में ईशान व्यास ने पहला स्थान प्राप्त किया, सौम्या राय को दूसरा स्थान मिला और नमिता मिन्ज भास्कर तीसरे स्थान पर रहीं। बाकी प्रतिभागियों को भी मुख्य न्यायाधीश ने प्रशस्ति पत्र देकर उनके प्रयासों की सराहना की।

अपने संबोधन में मुख्य न्यायाधीश ने प्रतिभागियों के विचारों की गहराई और प्रस्तुति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आज के दौर में तकनीक केवल अपराध करने का माध्यम ही नहीं, बल्कि अपराध की जांच और नियंत्रण में भी अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने युवा न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं के संतुलित और विचारोत्तेजक तर्कों की तारीफ करते हुए कहा कि यह बहस समकालीन कानूनी चुनौतियों पर गंभीर सोच और बौद्धिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

यह प्रतियोगिता न केवल जानकारीपूर्ण विचारों के आदान-प्रदान का मंच बनी बल्कि न्यायिक अधिकारियों के पेशेवर विकास का भी महत्वपूर्ण अवसर साबित हुई। कार्यक्रम छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की 25 वर्षों की गौरवशाली यात्रा और सतत उत्कृष्टता तथा नवाचार के संकल्प का प्रतीक रहा।

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