बिलासपुर। पुलिस में नौकरी लगाने के नाम पर चार लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने आरक्षक को गिरफ्तार किया है जबकि उसका भाई इसी मामले में फरार है।
लॉकडाउन की व्यवस्तता के बीच सिविल लाइन पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मिलन चौक कुददंड के मनीष शुक्ला को पुलिस विभाग में आरक्षक डोड़की मस्तूरी निवासी मनोज सोनवानी ने झांसा दिया कि उसकी पुलिस विभाग में अच्छी जान-पहचान है। जगदलपुर में रेडियो विभाग में सिपाही की भर्ती हो रही है जिसमें वह नौकरी दिला सकता है। इसके लिए आरोपी मनोज ने पांच लाख रुपये की मांग की। बातचीत चार लाख रुपये में जाकर तय हुई। मनीष शुक्ला ने जेल चौक में मनोज सोनवानी और उसके भाई मनीष सोनवानी को चार लाख रुपये दिये। इसके लिए उसने चंद्रा पार्क निवासी शिवा नायडू से दो लाख रुपये उधार भी लिये। लेन-देन के दौरान विप्लव तिवारी और ओमप्रकाश मानिकपुरी गवाह के रूप में भी थे और इसकी नोटरी भी कराई गई। इसके बाद नौकरी नहीं लगी तो प्रार्थी मनीष को धोखाधड़ी का अहसास हुआ। उसने आरोपी मनोज से रुपये मांगे तो उसने मनीष के खाते में 70 हजार रुपये डाले। बाकी रुपये देने के लिए वह दो साल से टाल मटोल कर रहा था।
इसकी पर मनीष शुक्ला ने सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी मनोज व मनीष के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया। पुलिस को पता चला कि आरोपी लॉकडाउन के कारण धमतरी में छिपा हुआ है। पुलिस टीम ने वहां जाकर आरोपी मनीष (28 वर्ष) को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।