बीते साल भी कोंडागांव में एसडीओपी के साथ मारपीट करने पर हुए थे गिरफ्तार
कोरबा। अंबिकापुर-कटघोरा मार्ग पर स्थित टोल नाके के कर्मचारी पर जबरन कार चढ़ाने के मामले में बांगो पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस सचिव कोंडागांव के मनीष श्रीवास्तव के बेटे सिद्धार्थ श्रीवास्तव और उसके चार साथियों के खिलाफ हत्या का प्रयास सहित अन्य गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक 28 दिसंबर को दोपहर 2:00 बजे अंबिकापुर की ओर से 2 कारों में आरोपी चोटिया टोल नाका में पहुंचे। कारों का फास्ट टैग रिचार्ज नहीं था, जब कर्मचारियों ने नगद राशि देकर जाने के लिए कहा तो कार सवारों ने कहा कि हम टोल नाका नहीं देते हमें छूट है। जब कर्मचारियों ने नहीं जाने दिया तो उनके साथ मारपीट और झूमा-झटकी शुरू कर दी गई। जानकारी मिलने पर टोल नाके का मैनेजर राजेश सरदार वहां पहुंचा, जिसने दोनों कारों में सवार पांचों लोगों को समझाने की कोशिश की कि वे टोल टैक्स की छूट वाली श्रेणी में नहीं आते हैं। कार को टोल टैक्स पटाये बिना नहीं जाने दिया जा सकता। उसकी बात सुनकर कार सवार युवक तैश में आ गए और टोल नाके के कर्मचारियों के साथ गाली गलौज करते हुए देख लेने की धमकी देकर आगे बढ़े। इस पर टोल नाके के कर्मचारी सोनू सिंह और फरमान खान सामने वाली कार के सामने आकर उन्हें रोकने लगे, लेकिन कार चालक सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने तेज रफ्तार से कार आगे बढ़ा दी। इससे फरमान खान को टक्कर लगी और वह गिर पड़ा। उसके पैर और छाती में चोट आई। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में, दाखिल कराया गया है। इधर टोल नाके के मैनेजर ने कटघोरा के थाना प्रभारी और डायल 112 में घटना की सूचना दी। बांगो पुलिस ने पीछा करके दोनों कारों को रोक लिया और उनमें सवार सिद्धार्थ श्रीवास्तव, तनिष्क शर्मा, शुभम दुआ, सूर्य देव मरावी और नितेश सिंह को हिरासत में ले लिया। सभी के खिलाफ हत्या का प्रयास बलवा आदि से संबंधित आईपीसी की धारा 307, 147, 194, 294, 323 और 506 के तहत अपराध दर्ज किया गया। सभी को कटघोरा न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश पर उनको जेल भेज दिया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में सिद्धार्थ श्रीवास्तव को प्रदेश कांग्रेस के महासचिव मनीष श्रीवास्तव का बेटा बताया गया है। पिछले साल कोंडागांव के विकास नगर स्थित स्टेडियम में गरबा उत्सव के दौरान सिद्धार्थ और उसके साथियों पर एसडीओपी नितेश सिंह परिहार के साथ मारपीट का आरोप लगा था। सिद्धार्थ और उसके साथी नशे में धुत पाए गए थे।