एक विधानसभा के 1 लाख अधिक वोटर संदिग्ध – कहा यह संविधान और भारतीय झंडे के खिलाफ

7 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में कांग्रेस के नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर वोट चोरी का आरोप लगाया। उनका दावा था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और चुनाव आयोग (ECI) ने मिलकर कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 वोट चुराए। राहुल ने इसे “संविधान और भारतीय झंडे के खिलाफ अपराध” बताया और कहा कि उनके पास “100% पक्का सबूत” है।

राहुल गांधी का दावा- 5 तरीकों से हुई वोट चोरी

राहुल ने अपनी बात को आसान और स्पष्ट तरीके से रखा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने छह महीने तक जांच की और पाया कि महादेवपुरा में वोट चोरी पांच तरीकों से हुई:

  1. डुप्लिकेट वोटर: एक ही व्यक्ति का नाम कई पोलिंग बूथों पर दर्ज था। उदाहरण के लिए, गुरकीरत सिंह ढंग नाम का एक व्यक्ति चार अलग-अलग बूथों में वोटर लिस्ट में था। राहुल का दावा है कि ऐसे 11,965 डुप्लिकेट वोटर थे।
  2. फर्जी और गलत पते: 40,009 वोटरों के पते या तो गलत थे या अस्तित्व में ही नहीं थे। कुछ मामलों में पिता का नाम “ilsdfhug” जैसा बेकार टेक्स्ट लिखा था।
  3. एक पते पर कई वोटर: एक ही घर में 80 या 46 वोटरों के नाम दर्ज थे, जो अलग-अलग परिवारों के थे। जब कांग्रेस ने जांच की, तो पता चला कि ऐसे लोग वहां रहते ही नहीं थे। ऐसे 10,452 मामले सामने आए।
  4. गलत फोटो: 4,132 वोटरों की तस्वीरें गलत थीं, जो संदिग्ध थीं।
  5. फॉर्म 6 का दुरुपयोग: नए वोटरों के लिए इस्तेमाल होने वाले फॉर्म 6 का गलत इस्तेमाल हुआ। राहुल ने दावा किया कि 33,692 वोटरों ने इस तरह फर्जी तरीके से वोट डाला। कई ऐसे नाम थे, जिनकी उम्र 70 और 92 वर्ष की उम्र थी, मगर पहली बार वोटर लिस्ट में नाम आया।

राहुल ने कहा कि बेंगलुरु सेंट्रल में कांग्रेस ने सात में से छह विधानसभा क्षेत्र जीते, लेकिन महादेवपुरा में 1,14,000 वोटों से हार गई, जिसके कारण पूरी सीट बीजेपी के पास चली गई। उनका कहना था कि अगर ये फर्जीवाड़ा न होता, तो कांग्रेस यह सीट जीत सकती थी।

चुनाव आयोग की मिलीभगत का आरोप

  • चुनाव आयोग की मिलीभगत: राहुल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी के साथ मिलकर यह धांधली कर रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट और सीसीटीवी फुटेज नहीं दे रहा, जिससे सबूत नष्ट किए जा रहे हैं।
  • देशव्यापी पैटर्न: राहुल ने दावा किया कि यह धांधली सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं है। महाराष्ट्र, हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही हुआ। खासकर महाराष्ट्र में, लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में 1 करोड़ नए वोटर अचानक जुड़ गए, जो संदिग्ध है। लोकसभा चुनाव में कम से कम 25 सीटें भाजपा ने इसी तरह चुनाव आयोग की मदद से चोरी की।
  • लोकतंत्र पर खतरा: राहुल ने कहा कि यह सिर्फ वोट चोरी नहीं, बल्कि “लोकतंत्र को खत्म करने” की साजिश है। उन्होंने न्यायपालिका से इस मामले में दखल देने की मांग की।

चुनाव आयोग ने आरोप को निराधार बताया, हलफनामा मांगा

चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को “निराधार” और “भ्रामक” बताया। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल को पत्र लिखकर कहा कि वे अपने दावों के साथ शपथपत्र दाखिल करें, जिसमें उन वोटरों के नाम हों जिन्हें गलत तरीके से शामिल किया गया। आयोग ने कहा कि अगर राहुल ऐसा नहीं करते, तो उन्हें “लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए।”

आयोग ने यह भी कहा कि वोटर लिस्ट पारदर्शी तरीके से बनाई गई थी और सभी पार्टियों को दी गई थी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने इस तरह की कोई शिकायत पहले नहीं की।

राहुल ने जवाब में कहा, “मैं एक राजनेता हूं और जनता से जो कहता हूं, वह मेरा शपथ है। आयोग ने मेरे डेटा को गलत नहीं कहा, बल्कि सिर्फ शपथ की बात की। वे जानते हैं कि सच्चाई क्या है।”

बीजेपी ने कहा- राहुल अपनी हार पचा नहीं पा रहे, दस्तावेज फर्जी

बीजेपी ने राहुल के आरोपों को “बेबुनियाद” और “हास्यास्पद” बताया। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल अपनी हार को पचा नहीं पा रहे और इसलिए चुनाव आयोग को बदनाम कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाए गए दस्तावेज “फर्जी” थे।

बीजेपी ने यह भी कहा कि राहुल पहले भी सुप्रीम कोर्ट और अन्य संवैधानिक संस्थानों पर हमला बोल चुके हैं। पार्टी ने दावा किया कि कांग्रेस अपनी हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ रही है।

INDIA गठबंधन ने कहा- रिडेबल वोटर लिस्ट और CCTV फुटेज दे

  • कांग्रेस और इंडिया गठबंधन: कांग्रेस ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर राहुल के दावों का समर्थन किया और कहा कि उनके पास “100% सबूत” हैं। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग सीसीटीवी फुटेज और मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट दे।
  • सीपीआई का समर्थन: कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने राहुल के आरोपों का समर्थन किया और कहा कि “चुनाव आयोग कोई पवित्र गाय नहीं है।”
  • आम लोग और सोशल मीडिया: X पर कुछ यूजर्स ने राहुल के दावों को गंभीर बताया और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। वहीं, कुछ ने इसे कांग्रेस की हार का बहाना करार दिया। ये पोस्ट्स पूरी तरह से सत्य नहीं मानी जा सकतीं, लेकिन इनसे जनता का मूड समझा जा सकता है।

राहुल ने कहा- जल्द और सबूत लाएंगे

राहुल गांधी के इन आरोपों ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। अगर उनके दावे सही हैं, तो यह देश के चुनावी सिस्टम पर बड़ा सवाल है। लेकिन अगर ये गलत साबित हुए, तो कांग्रेस की साख को नुकसान हो सकता है। चुनाव आयोग ने कहा है कि राहुल को अपने दावों के लिए सबूत देने होंगे, वरना यह सिर्फ राजनीतिक शोर माना जाएगा।

इस बीच, राहुल ने कहा कि वे जल्द ही और सबूत सामने लाएंगे, जिससे “पूरा देश हिल जाएगा।” क्या यह वाकई में एक “एटम बम” जैसा खुलासा होगा, या सिर्फ राजनीतिक ड्रामा? यह देखना बाकी है।

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