रायपुर/पलक्कड़। केरल के वलयार इलाके में हुई मॉब लिंचिंग की दिल दहला देने वाली घटना में छत्तीसगढ़ निवासी 31 वर्षीय रामनारायण भैयाल की मौत के बाद राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार की सभी प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया है। सरकार और जिला प्रशासन के साथ हुई वार्ता में मृतक के परिजनों को कम से कम 10 लाख रुपये मुआवजा, मामले में SC/ST एक्ट जोड़ने, तथा शव को संरक्षित कर हवाई मार्ग से छत्तीसगढ़ भेजने पर सहमति बनी है। परिवार और रिश्तेदारों की हवाई यात्रा की व्यवस्था भी सरकार करेगी।
शव लेने से पहले अड़े थे परिजन
रामनारायण के परिजन मांगें माने जाने तक शव लेने को तैयार नहीं थे। विरोध के चलते शव को त्रिशूर मेडिकल कॉलेज में रखा गया था। इसके बाद मंत्री के. राजन और जिला प्रशासन ने परिवार से बातचीत कर सहमति बनाई।
रिमांड रिपोर्ट में बर्बरता के खुलासे
पुलिस रिमांड रिपोर्ट में हमले की भयावहता सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से रामनारायण के सिर और पीठ पर डंडों से बेरहमी से वार किए। जमीन पर गिरने के बाद सीने, कूल्हों और चेहरे पर लात-घूंसे मारे गए। एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार, आंतरिक अंगों को गंभीर नुकसान और पूरे शरीर पर कई चोटें मौत का कारण बनीं।
बताया गया है कि करीब 15 लोग सीधे तौर पर हमले में शामिल थे। अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।
‘बांग्लादेशी’ बताकर हमला, BJP–RSS से जुड़े होने का आरोप
जांच में सामने आया है कि जब रामनारायण ने कहा कि वह अपनी बहन को तलाशने आया है, तब आरोपियों ने उसे अवैध बांग्लादेशी बताकर पीटना शुरू कर दिया। गिरफ्तार आरोपियों में चार पर BJP–RSS से जुड़े होने का आरोप है। इनमें अनंथन (55), ए. अनु (38), सी. प्रसाद (34), सी. मुरली (38) और के. बिबिन (30) शामिल हैं। अनु और मुरली पर 15 साल पुराने एक हमले के मामले में भी नाम दर्ज होने की जानकारी है।
हत्या का केस, और गिरफ्तारियां संभव
मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) के तहत दर्ज किया गया है। वीडियो फुटेज में कई और लोगों की मौजूदगी दिखी है, जिनमें से कई के फरार होने की बात पुलिस कह रही है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
विशेष जांच टीम, राजनीतिक पृष्ठभूमि की भी जांच
जिला पुलिस प्रमुख ने बताया कि आरोपियों की राजनीतिक और आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच होगी। यदि कोई आरोपी किसी अन्य मामले में जमानत पर है, तो जमानत रद्द कराने की कार्रवाई की जाएगी। जांच का नेतृत्व डीएसपी पीएम गोपाकुमार कर रहे हैं। क्राइम ब्रांच और वलयार पुलिस के अधिकारियों को मिलाकर 10 सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित की गई है।














