लघु एवं सहायक उद्योग संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश केडिया ने प्रमुख सचिवों को पत्र लिखा
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के लघु उद्योगपति कोरोना के संकट से तालमेल बिठाते हुए 100 प्रतिशत उत्पादन के लिए तत्पर हैं और स्थानीय श्रमिकों को प्रशिक्षित कर रोजगार भी उपलब्ध कराना चाहते हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वे कोई राहत पैकेज नहीं बल्कि केन्द्र, राज्य और सरकारी उपक्रमों से सिर्फ अपने पुराने बकाये का भुगतान चाहते हैं।
छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ने प्रदेश के वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम विभाग के प्रमुख सचिवों को इस आशय का ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए पत्र में अनेक सुझाव दिये हैं।
केडिया ने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ के उद्योगपति मदद एवं राहत पैकेज की ढेरों मांग नहीं रखकर सिर्फ एक मांग रखना चाहते हैं कि सरकार उन्हें केन्द्र, राज्य व विभिन्न उपक्रमों में फंसी बकाया राशि का 30 मई तक भुगतान करा दें। हम अपना पैसा मांग रहे हैं तो समर्थ लोगों द्वारा बहानेबाजी की जा रही है। एमएसएमई (लघु-मध्यम उद्योग) में नगदी की जबरदस्त समस्या है। बैंकों से ऋण लेकर इन्होंने दूसरों को उधार में सामान बेचा अब पेमेन्ट नहीं मिल रहा है। भुगतान होने पर उद्योग व्यवसाय अच्छे से चलेंगे और सरकार को इन्कम, जीएसटी व अन्य टैक्स का भुगतान होगा। उद्योग चल निकलेंगे और श्रमिकों को अधिकतम रोजगार मिलेगा, बेरोजगारी की समस्या कम होगी।
केडिया ने अपने पत्र में कहा है कि उद्योगों में कोरोना से बचाव के लिए गाइडलाइन के अनुसार सभी उपायों को अपनाया जा रहा है। 75 फीसदी एमएसएमई सेक्टर में कार्य प्रारंभ हो गया है। उत्पादन भी 50 प्रतिशत होने लगा है जिसे वे 100 प्रतिशत से भी ज्यादा ले जाना चाहते हैं तथा सौ प्रतिशत छत्तीसगढ़ को ही धीरे-धीरे प्रशिक्षित करके काम में लगाया जा रहा है। लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक छत्तीसगढ़ लौट रहे हैं। उन्हें मनरेगा और खेतों में काम देने के अलावा कारखानों में भी काम मिल सकता है। समय-समय पर अफवाह उड़ती है कि कम मजदूरों को काम पर लगाना है ऐसे में अधिकतम रोजगार सृजन का संकल्प पूरा कैसे होगा? उद्योग बंद रहेंगे तो यह क्षेत्र भी राहत पैकेज की मांग करेगा। सरकार को स्पष्ट घोषणा करनी होगी कि उद्योग व्यवसाय 24 घंटे भयमुक्त वातावरण में चलें और अधिकतम उत्पादन करें तथा इस आर्थिक संकट की घड़ी में अधिकतम लोगों को रोजगार देने का प्रयास करें। यह सुनिश्चित किया जाये कि माल परिवहन, श्रमिकों और स्टाफ की आवाजाही में कोई असुविधा न हो जाये। छत्तीसगढ़ में कोरोना का असर देश में सबसे कम है। यही अवसर है कि देशी-विदेशी निवेश को प्रदेश में आकर्षित किया जाये। श्रम कानूनों में कुछ राज्यों ने सुधार कर सुगमता से उद्योग चलाने के लिए पहल की है, छत्तीसगढ़ में इसका अध्ययन कर उसे लागू करना चाहिये। केडिया ने अपने पत्र में साइकिल सवारी को प्रोत्साहित करने का सुझाव भी दिया है। साइकिल पर सफर करने वालों पर कोई रोक-टोक न हो। साइकिल स्वास्थ्य के लिए अच्छा भी है और इससे शारीरिक दूरी भी बनी रहेगी, साथ ही प्रदूषण से बचाव होगा।