हाथियों की करंट से मौतों को लेकर हुए पत्राचार की मांगी गई थी जानकारी

शासकीय कंपनी आवेदन को दूसरे कार्यालयों में भेजकर जवाब टाल नहीं सकती-आयोग

रायपुर। पहली बार छत्तीसगढ़ में पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी पर सूचना के अधिकार के तहत रुपए 25 हजार  की पेनाल्टी आयोग ने लगाई है। सूचना आयुक्त ने इस फैसले में शासकीय कंपनी के विभिन्न कार्यालयों के मध्य आवेदन के अंतरित करने को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय दिया है।

आवेदक नितिन सिंघवी ने प्रबंध संचालक विदुत वितरण कंपनी के कार्यालय में आवेदन लगाया था। उन्होंने दो पत्रों के बारे में जानकारी चाही थी। एक पत्र प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) ने हाथियों की विद्युत करंट से हो रही मृत्यु के संबंध में 15 दिनों में कार्य योजना बनाने के लिए लिखा था। दूसरे पत्र में प्रमुख सचिव, वन विभाग ने हाथियों की विद्युत करंट से हो रही मृत्यु के संबंध में विद्युत वितरण कंपनी के दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

आवेदक ने जानना चाहा था कि ये दोनों पत्रों पत्रों पर प्रबंध संचालक के कार्यालय में क्या कार्रवाई हुई। परंतु तत्कालीन जन सूचना अधिकारी  ने  सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 6(3) के तहत आवेदन को कार्यपालक निदेशक (संचा./संधारण) में भेज दिया लेकिन वहां से भी आवेदक को सूचना मुहैया नहीं कराई गई। इस पर प्रथम अपील लगाई गई, जिसे निरस्त कर दिया गया।

द्वितीय अपील आयोग से की गई। आयोग ने माना कि आवेदन का  सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (3) के तहत अंतरण करना उचित नहीं था। प्रबंध संचालक कार्यालय ने दोनों पत्रों पर यदि कोई कार्रवाई नहीं की थी तो भी उसकी जानकारी देनी चाहिए थी। आयोग ने कहा कि इस प्रकरण में धारा 6 (3) के तहत जन सूचना अधिकारी कार्यालय कार्यपालक निदेशक (संचा. संधारण) विद्युत वितरण कंपनी को अंतरित किया गया था, जबकि प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड एक ही लोक प्राधिकारी है। वांछित जानकारी जन सूचना अधिकारी के पास नहीं थी तो उन्हें सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के धारा 5 (4) के तहत डीम्ड जन सूचना अधिकारी से प्राप्त कर आवेदक को देनी थी।

प्रकरण में आयोग ने जनसूचना अधिकारी एवं उप महाप्रबंधक सरोज तिवारी पर अपीलआर्थी जानकारी प्रेषित नहीं करने के कारण 25 हजार रुपये अर्थ दंड लगाया है और राशि वसूली का आदेश दिया है। अब विधुत वितरण कंपनी के कार्यालयों में सूचना का अधिकार के आवेदनों का अंतरण नहीं हो सकेगा।

सिंघवी ने चर्चा में बताया कि एक ही लोक प्राधिकारी होने की स्थिति में, जैसा कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एक ही लोक प्राधिकारी है, तो आवेदक विद्युत वितरण कंपनी के किसी भी कार्यालय में आवेदन दायर करके जानकारी चाह सकता है। अगर जानकारी दूसरे कार्यालय के पास है तो आवेदन का अंतरण नहीं किया जा सकता, अधिनियम में व्यवस्था दी गई है कि एक ही लोक प्राधिकारी के किसी एक कार्यालय में आवेदन लगाया गया है और उसी लोक प्राधिकारी के दूसरे  कार्यालय के पास सूचना होने पर, धारा 5(4) तथा 5(5) के तहत डीम्ड सूचना आधिकारी से सहयोग मांग कर, दूसरे कार्यालय से सूचना प्राप्त कर आवेदक को दी जाएगी।

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