केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति पद्मश्री मोक्षदा ममता चंद्राकर की उपस्थिति में रखा गया।

इस मौके पर गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक चक्रवाल ने कहा कि सभी महिलाएं प्रण कर लें तो वह सफलता की पराकाष्ठा बन सकती हैं। केवल महिला दिवस पर ही नहीं बल्कि पूरे वर्ष महिलाओं का सम्मान होना चाहिए। विश्वविद्यालय परिसर में महिलाओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना मेरी प्राथमिकता में है।

मुख्य अतिथि चंद्राकर ने कहा कि महिला दिवस केवल रस्म अदायगी न हो। महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत कुछ किया गया और आज बहुत करना बाकी है। महिलाएं पहले भी इस तरह संघर्ष करती थीं और आज भी कर रही हैं। प्रयत्न की ऊंचाई जब बढ़ जाती है, तो लक्ष्य छोटा हो जाता है। आमतौर पर यह मान लिया जाता है कि कला और संगीत महिलाओं के लिए नहीं है, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और संघर्ष किया। लंबे संघर्ष के बाद जब पहचान मिलती है तो अच्छा लगता है। आज महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। आज की नारी स्वतंत्र और सशक्त है।

सौराष्ट्र विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति एवं होम साइंस की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर निलंबरी दवे ने कहा कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में जीवन प्रत्याशा अधिक होती है। महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य पुरुषों की अपेक्षा अच्छा रहता है और उनमें कैंसर की दर भी कम होती है। राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान नई दिल्ली की प्रोफेसर आरती श्रीवास्तव ने कहा कि लैंगिक समानता की पहली शर्त शिक्षा है। शिक्षा के बिना महिलाएं अपने मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। कामकाजी महिला को दोहरी भूमिका निभानी पड़ती है।

कार्यक्रम में मीनाक्षी सैलून एवं एकेडमी की संस्थापक मीनाक्षी टुटेजा ने कहा कि महिलाओं को प्रोफेशनल और दक्ष बनाना बहुत जरूरी है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में समन्वयक राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. अनुपम सक्सेना ने अतिथियों का स्वागत किया। तरंग बैंड के छात्र छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं कुल गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सोनिया स्थापक ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार ने दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थियों ने महिला सशक्तिकरण विषय पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। इस मौके पर कुलपति प्रो. चक्रवाल ने ई-पोस्टर और ई-गैलरी का उद्घाटन भी किया।

कार्यक्रम में विभिन्न अध्ययन शालाओं के विभागाध्यक्ष, अधिष्ठाता, शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।

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