मरवाही, कोटा, बिल्हा, मस्तूरी में छजकां-बसपा के जबरदस्त प्रदर्शन से कांग्रेस को झटका, बेलतरा भी हाथ नहीं आई
राजेश अग्रवाल/ छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के परिणामों से यह साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने बिलासपुर और मुंगेली जिले में कांग्रेस को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया और भाजपा को इसका फायदा मिला। इसीलिए पूरे प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में अंडरकरंट होने के बावजूद बिलासपुर संसदीय क्षेत्र की सिर्फ दो सीटें तखतपुर और बिलासपुर कांग्रेस के हाथ आ सकी। यह अजीत जोगी का ही असर था कि कोटा में कभी नहीं हारने वाली कांग्रेस इस बार वहां तीसरे नंबर पर पहुंच गई और विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने बिल्हा सीट ऐतिहासिक अंतर से निकाल ली। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के हाथ आई पांच सीटों में से तीन बिलासपुर, मुंगेली जिले से हैं। इन नौ सीटों में मरवाही छोड़कर बाकी आठ बिलासपुर संसदीय क्षेत्र के हैं।
जिन चार सीटों पर कांग्रेस तीसरे स्थान पर चली गई उनमें कोटा, मरवाही, मस्तूरी और लोरमी शामिल हैं। लोरमी छोड़कर बाकी तीनों जगह पर 2013 में कांग्रेस के पास ये सीटें थीं। कोटा से डॉ. रेणु जोगी ने जीतकर एक और रिकार्ड बनाया। वे लगातार चौथी बार चुनी गई विधायक हैं, पर इस बार नई पार्टी से। यह रिकॉर्ड भी टूटा कि कभी नहीं हारने वाली कांग्रेस से कोटा सीट न सिर्फ छिन गई बल्कि वह तीसरे स्थान पर पहुंच गई। www.blive.news ने चुनाव प्रचार के दौरान एक विश्लेषण में पहले ही अनुमान लगा लिया था कि जोगी कांग्रेस का बिलासपुर-मुंगेली जिलों में प्रभाव का असर चुनाव परिणामों पर दिखेगा। कोटा में डॉ. रेणु जोगी के मैदान में उतरने के बाद जहां कांग्रेसियों में दो फाड़ हो गए थे वहीं भाजपा में भी काशीराम साहू को टिकट मिलने के बाद संगठन के कई बड़े पदाधिकारी घर बैठ गए। दोनों ही पार्टियों ने अपने निष्क्रिय और भितरघात करने वाले कार्यकर्ताओं की शिकायत संगठन से की है। दिलचस्प यह था कि सतनामी समाज में गहरी पकड़ रखने वाले गुरु बालदास की सभा तय हो जाने के बावजूद नहीं हो पाई। हालांकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के वोट जो हर बार 6 से 10 हजार वोटों के बीच होते रहे हैं, वे कहीं नहीं फिसले।
मरवाही के बाद कोटा में भी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की जीत ने साबित कर दिया कि अब ये दोनों सीटें कांग्रेस नहीं, जोगी के गढ़ हैं। कांग्रेस यहां भी तीसरे स्थान पर पहुंच गई।
नतीजतन, कोटा की सीट छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की प्रत्याशी डॉ. रेणु जोगी ने 6259 वोटों से निकाल लिया। कोटा में वोटों का विभाजन इस प्रकार हुआ-
रेणु अजीत जोगी | जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) | 48800 |
काशीराम साहू | भारतीय जनता पार्टी | 45774 |
विभोर सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 30803 |
बालाराम आर्मो | गोंडवाना गणतंत्र पार्टी | 8163 |
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मरवाही से चुनाव लड़ा। पिछले कई चुनावों में कांग्रेस यहां पर जीत रही थी, जिससे इसे भी कांग्रेस का गढ़ माना जाने लगा था लेकिन मरवाही के बाद कोटा में भी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की जीत ने साबित कर दिया कि अब ये दोनों सीटें कांग्रेस नहीं, जोगी के गढ़ हैं। कांग्रेस यहां भी तीसरे स्थान पर पहुंच गई, जबकि भाजपा को भी उन्होंने 46462 मतों से पीछे छोड़ दिया। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के वोट यहां पर भी नहीं बिखरे। मरवाही में वोटों का अंतर इस प्रकार रहाः
अजीत जोगी | जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) | 74041 |
अर्चना पोर्ते | भारतीय जनता पार्टी | 27579 |
गुलाब सिंह राज | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 20040 |
रितु पेन्द्राम | गोंडवाना गणतंत्र पार्टी | 9978 |
मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र का नतीजा भी चौंकाने वाला रहा। पिछला चुनाव 23900 वोटों के विशाल अंतर से जीतने वाले कांग्रेस विधायक दिलीप लहरिया छजकां-बसपा गठबंधन की आंधी में तीसरे स्थान पर रह जाना पड़ा। यहां से भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मूर्ति बांधी ने 14101 मतों के फासले से गठबंधन के बसपा से प्रत्याशी जयेन्द्र सिंह पाटले को परास्त कर दिया। लहरिया ने जोगी समर्थक होने के बावजूद उनके साथ नहीं जाने का फैसला लिया था। लहरिया मूलतः एक लोक गायक हैं, जिन्हें जोगी ने अपने प्रभाव और संसाधनों का फायदा पहुंचाकर पिछला चुनाव जिताया था। इस बार लहरिया बसपा उम्मीदवार से भी पीछे रह गए। मस्तूरी विधानसभा सीट में टक्कर कुछ इस तरह से रहीः
डॉ. कृष्ण मूर्ति बांधी | भारतीय जनता पार्टी | 67950 |
जयेन्द्र सिंह पाटले | बहुजन समाज पार्टी | 53843 |
दिलीप लहरिया | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 53620 |
बिलासपुर संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाले लोरमी विधानसभा क्षेत्र से छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रत्याशी धर्मजीत सिंह ठाकुर ने शानदार जीत हासिल कर ली है। पिछले चुनावों में वे कांग्रेस की टिकट पर जीतते रहे हैं। इस बार उन्होंने भाजपा के मौजूदा विधायक रहे तोखन साहू को हरा दिया है और कांग्रेस को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। सन् 2013 के चुनाव में गुरु बालदास ने यहां से चुनाव लड़ दिया था जिसके चलते कांग्रेस के वोट टूट गए। इस बार अनुसूचित जाति, जनजाति के बीच धर्मजीत सिंह और जोगी कांग्रेस के प्रभाव ने परिणाम दिया। इस सीट को छजकां 25553 वोटों के विशाल अंतर से जीत गई। लोरमी में परिणाम इस प्रकार रहाः
धर्मजीत सिंह ठाकुर | जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) | 67742 |
तोखन साहू | भारतीय जनता पार्टी | 42189 |
शत्रुघ्न सोनू चंद्राकर | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 16669 |
भाजपा के प्रति नाराजगी का असर मुंगेली के प्रत्याशी राज्य सरकार के खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले पर दिखा पर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की दमदार उपस्थिति ने कांग्रेस को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। परिणामस्वरूप, मोहले ने 10वीं बार जीत का रिकॉर्ड बनाया। वे छठवीं बार विधायक बने हैं, जबकि चार बार सांसद भी रह चुके हैं। कांग्रेस को अपनी यह परम्परागत सीट इस बार वापस मिलने की उम्मीद थी, पर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रत्याशी चंद्रभान बारमते ने 32 हजार से अधिक वोट हासिल कर उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया । पिछली बार बारमते ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था और करीब 2300 मतों से मोहले से पीछे रह गए थे । इस बार मोहले 8487 वोट से यह सीट निकालने में सफल रहे। मुंगेली में प्रमुख प्रत्याशियों को मिले मत इस प्रकार हैः
पुन्नूलाल मोहले | भारतीय जनता पार्टी | 60469 |
राकेश पात्रे | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 51982 |
चंद्रभान बारमते | जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) | 32257 |
मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने के लिए छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की कोई रणनीति बनेगी तो निश्चित ही उसमें बिलासपुर संसदीय सीट पर ही सबसे पहले विचार होगा। चुनाव परिणामों के बाद अजीत जोगी ने अपनी पार्टी को तीसरे विकल्प के रूप में खड़ा करने की मंशा जताई ही है। अगले साल होने वाले स्थानीय चुनाव, पंचायत चुनाव आदि में भी उनका प्रभाव देखा जा सकेगा।
बेलतरा सीट पर भी कांग्रेस की सुनामी के बावजूद भाजपा प्रत्याशी रजनीश सिंह की जीत कांग्रेस के मतों का छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल टाह के बीच बंट जाने के कारण हो पाई। भाजपा नेताओं को प्रचार अभियान के दौरान यह कहते हुए सुना गया कि टाह की स्थिति मजबूत होनी चाहिए। वे जितने मजबूत होंगे, भाजपा की जीत की संभावना उतनी ही बढ़ेगी। यहां कांग्रेस के राजेन्द्र साहू डब्बू ने रजनीश सिंह को टक्कर तो जबरदस्त दी पर छजकां पत्याशी को मिले 38 हजार वोटों ने उन्हें भाजपा से आगे बढ़ने नहीं दिया। यह सीट भाजपा ने 6259 मतों की बढ़त के साथ बरकरार रखी। बेलतरा में स्थिति यह रहीः
रजनीश कुमार सिंह | भारतीय जनता पार्टी | 49601 |
राजेन्द्र साहू डब्बू | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 43342 |
अनिल टाह | जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) | 38308 |
बिल्हा विधानसभा में भाजपा एक बार फिर जीत गई। यह हाईप्रोफाइल सीट प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने निकाल ली। यह सीट एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस के खाते में जाती रही है। यह परम्परा इस बार कायम रही। हर बार मतों का अंतर 10 हजार के आसपास होता था पर कौशिक ने इस बार 26524 मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। इसकी एक बड़ी वजह पिछली बार कांग्रेस की टिकट से मैदान मारने वाले सियाराम कौशिक का छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ना। कहा जा रहा है कि धरमलाल कौशिक को सारे ओबीसी जिनमें उनके समाज के लोग भी थे, के वोट मिले। दूसरी ओर जोगी के असर में पथरिया बेल्ट के अनुसूचित जाति वोट सियाराम कौशिक के हाथ लगे। इसके चलते कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र शुक्ला का अपना बिल्हा, तिफरा इलाका ही बचा रह गया। पिछले कई महीनों की तैयारी के बाद भी वे यह सीट नहीं निकाल पाए। बिल्हा में वोटों का बंटवारा इस प्रकार हुआः
धरमलाल कौशिक | भारतीय जनता पार्टी | 84431 |
राजेन्द्र शुक्ला | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 57907 |
सियाराम कौशिक | जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) | 29613 |
मनोज ठाकुर | निर्दलीय | 4518 |
सरदार जसबीर सिंह | आम आदमी पार्टी | 4428 |
तखतपुर विधानसभा सीट इस बार भाजपा के हाथ से निकलकर कांग्रेस के हाथ में आ गई है, पर यहां भी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने कांग्रेस भाजपा दोनों की सांस आखिरी चरण की गिनती तक अटका कर रखी। अंतिम परिणाम आने पर भाजपा यहां तीसरे स्थान पर खिसक गई। छजकां प्रत्याशी संतोष कौशिक ने पिछली बार 29 हजार वोट बसपा से लड़कर बटोरे थे। इस बार वे बसपा और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी थे और जोगी की पार्टी के चिन्ह से चुनाव लड़कर करीब 50 हजार वोट बटोरने में सफल हो गए। कौशिक की लगातार बढ़त को लेकर कांग्रेस-भाजपा दोनों ही अंतिम दौर की मतगणना तक चिंतित दिखे। आखिरकार 2991 मतों से कांग्रेस की रश्मि सिंह ठाकुर उन्हें परास्त करने में सफल रहीं। यहां से राजू सिंह क्षत्री की टिकट काटकर भाजपा ने हर्षिता पांडेय को लड़ाया पर वह तीसरे स्थान पर रह गईं। विजयी प्रत्याशी के मुकाबले उन्हें करीब सात हजार कम वोट मिले। तखतपुर में वोटों का बंटवारा इस प्रकार हुआः
रश्मि सिंह ठाकुर | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 52616 |
संतोष कौशिक | जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) | 49625 |
हर्षिता पांडेय | भारतीय जनता पार्टी | 45622 |
इन सबके बीच अपवाद रहा बिलासपुर का परिणाम। आश्चर्यनजक रूप से यहां छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रत्याशी ब्रजेश साहू 3600 मतों पर सिमट कर रह गए। काफी ताम-झाम से चुनाव लड़ने और लम्बी तैयारी के बावजूद वे मुकाबले में कोई असर नहीं डाल पाए। इससे पता चलता है कि इस शहरी क्षेत्र में जोगी और बसपा के प्रतिबद्ध वोट कम ही थे। बिलासपुर में जनता हर हाल में बदलाव चाहती थी और वह अपने वोटों को ऐसी जगह डालकर खराब नहीं करना चाहती थी, जहां से कोई नतीजा न निकले। आम आदमी पार्टी तो हजार वोट भी नहीं निकाल पाई। यही वजह है कि यहां से कांग्रेस प्रत्याशी शैलेष पांडेय संगठन, सहयोग व संसाधन में पीछे रहने के बाद भी चार बार से लगातार विधायक रहे अमर अग्रवाल को सीधे मुकाबले में 11221 मतों से परास्त करने में सफल रहे। यदि छजकां प्रत्याशी की स्थिति मजबूत होती तो इस परिणाम में अंतर दिख सकता था। बिलासपुर सीट पर वोट इस प्रकार विभाजित हुएः
शैलेष पांडेय | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 67896 |
अमर अग्रवाल | भारतीय जनता पार्टी | 56675 |
ब्रजेश साहू | जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) | 3641 |
प्रदेश की सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेने की उम्मीद लेकर अलग पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में उतरे अजीत जोगी को प्रदेश में भले ही अपेक्षित नतीजे नहीं मिले, पर बिलासपुर-मुंगेली में उनके प्रदर्शन ने कांग्रेस-भाजपा दोनों को सतर्क किया है। जोगी को अपने गढ़ में अपनी जड़ें पहले की ही तरह मजबूत होने का अंदाजा भी लग गया। मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने के लिए छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की कोई रणनीति बनेगी तो निश्चित ही उसमें बिलासपुर संसदीय सीट पर ही सबसे पहले विचार होगा। चुनाव परिणामों के बाद अजीत जोगी ने अपनी पार्टी को तीसरे विकल्प के रूप में खड़ा करने की मंशा जताई ही है। अगले साल होने वाले स्थानीय चुनाव, पंचायत चुनाव आदि में भी उनका प्रभाव देखा जा सकेगा।