नये लोगो व साज-सज्जा साथ ईको-पर्यटन को दिया जा रहा बढ़ावा
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस के मौके पर 1 नवंबर से अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) में जंगल सफारी शुरू की जा रही है। इसके लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा विभागीय आदेश जारी किया गया है। जंगल सफारी की शुरुआत से पहले पर्यटक मार्गों की मरम्मत और पर्यटक वाहनों की देखभाल का काम तेजी से किया जा रहा है। साथ ही शिवतराई स्थित बैगा रिसॉर्ट के सौंदर्यीकरण के लिए स्थानीय कलाकारों द्वारा गोंड चित्रकला का उपयोग किया जा रहा है।
जंगल सफारी के लिए रिजर्व में 7 जिप्सी (6 सीटर), 2 योद्धा वाहन (9 सीटर), और 1 मिनी बस (22 सीटर) उपलब्ध है। सफारी और बैगा रिसॉर्ट की बुकिंग को सुविधाजनक बनाने के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व की नई आधिकारिक वेबसाइट भी विकसित की गई है। अब बुकिंग पूरी तरह से इस नई वेबसाइट के माध्यम से ही होगी।
ईको-पर्यटन को बढ़ावा
रिजर्व प्रबंधन ने ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई नए प्रयास किए हैं। इसी क्रम में अचानकमार टाइगर रिजर्व का नया लोगो भी तैयार किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ की हरियाली और स्वाभिमान से विचरण करते बाघ की शान को दिखाया गया है। इस लोगो का विमोचन वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के दौरान राज्य स्तरीय कार्यक्रम में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप द्वारा किया गया।
प्रशिक्षित गाइड व ड्राइवर
रिजर्व से जुड़े गांवों के वन विकास समितियों को सशक्त बनाने के लिए कान्हा नेशनल पार्क में प्रशिक्षण, पर्यटक गाइड और ड्राइवरों के लिए कार्यक्रम, और नए साइन बोर्ड्स की स्थापना जैसी योजनाएं भी बनाई जा रही हैं। इसके साथ ही वन्यप्राणी संरक्षण के प्रयासों को और मजबूती मिलेगी।
10 बाघों का ठिकाना
इस वर्ष की फेस-एमएक्स मॉनिटरिंग के अनुसार, अचानकमार टाइगर रिजर्व में 10 बाघों की उपस्थिति की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, एक दुर्लभ मेलानिस्टिक तेंदुआ की तस्वीर भी रिजर्व से मिली है। शिवतराई गांव की रागिनी धुर्वे ने राष्ट्रीय पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, और रिजर्व के फॉरेस्ट गार्ड मनमोहन सिंह राज एवं दिलीप सिंह कंवर को वन्यप्राणी सुरक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है। यह छत्तीसगढ़ और अचानकमार टाइगर रिजर्व के लिए गर्व की बात है।