बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सीनियर जस्टिस गौतम भादुड़ी का विदाई समारोह शुक्रवार को आयोजित हुआ, जिसमें उन्होंने भावुक होकर कहा, “रिटायरमेंट मेरी जीवन योजना का हिस्सा नहीं है।” 38 वर्षों तक न्याय क्षेत्र में सेवाएं देने वाले जस्टिस भादुड़ी ने अपने कार्यकाल के दौरान मिले अनुभव और सीख को अपने जीवन की पूंजी बताया।
इस मौके पर उन्होंने अपने माता-पिता को याद करते हुए ईश्वर का आभार जताया और कहा कि उनके आशीर्वाद से ही वह न्याय के पथ पर अडिग रह सके। जस्टिस भादुड़ी ने अपने जीवन में 24 साल की उम्र से ही न्यायिक सेवा में योगदान देना शुरू कर दिया था और अपने करियर में 35,747 मामलों का निराकरण किया, जिसमें 540 निर्णय नजीर बने।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने की प्रशंसा
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमाकांत सिंह चंदेल और डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने जस्टिस भादुड़ी की न्यायिक सेवाओं और उनके विधिक योगदान की सराहना की। चीफ जस्टिस सिन्हा ने जस्टिस भादुड़ी की न्यायिक सोच और उनके समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने न्यायपालिका में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अरपा और एयरपोर्ट विकास में योगदान
जस्टिस भादुड़ी ने अरपा नदी के संरक्षण और बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास के लिए किए गए प्रयासों पर भी जोर दिया। इन दोनों विषयों पर जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए उन्होंने कई दिशा-निर्देश जारी किए, जिससे अरपा के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए गए। उनके इन्हीं योगदानों के कारण शहर में विकास के नए आयाम स्थापित हो सके।
लोक अदालतों में सक्रियता
जस्टिस भादुड़ी ने अपने कार्यकाल में लोक अदालतों में भी अहम योगदान दिया और विधिक सेवा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने हमेशा लोगों के न्याय के अधिकार को सर्वोपरि रखा।
सहयोगियों का जताया आभार
जस्टिस भादुड़ी ने अपने सहयोगियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके सहयोग और समर्थन से ही वह न्यायिक सेवाओं में अपने कर्तव्यों को सही तरीके से निभा सके। उन्होंने अपने व्यक्तिगत स्टाफ और कार्यालय के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों का भी आभार प्रकट किया।
विदाई समारोह में वरिष्ठ अधिवक्ता, बार एसोसिएशन के पदाधिकारी, ज्यूडिशियल एकेडमी के अधिकारीगण, जस्टिस भादुड़ी का परिवार और बड़ी संख्या में न्यायाधिपति व अधिवक्तागण मौजूद रहे।