प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अक्टूबर को ‘कर्मयोगी सप्ताह’ – राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का शुभारंभ किया। मिशन कर्मयोगी की शुरुआत सितंबर 2020 में हुई थी, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को बेहतर प्रशिक्षण देकर उनके कार्यक्षमता में सुधार करना है। कर्मयोगी सप्ताह के दौरान, प्रत्येक कर्मयोगी कम से कम 4 घंटे की योग्यता-आधारित शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होगा, जिसे iGOT प्लेटफॉर्म पर विभिन्न वेबिनार, मॉड्यूल और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से पूरा किया जा सकता है।

इस अवसर पर, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने भी एक सेमिनार का आयोजन किया। एनईआई ऑडिटोरियम में 270 प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ उप महाप्रबंधक मनोज गुरुमुखी ने मिशन कर्मयोगी और इसके महत्व पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। उन्होंने रेल कर्मचारियों को iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म की उपयोगिता और इसके सकारात्मक प्रभावों से अवगत कराया, साथ ही उन्हें इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में बिलासपुर, रायपुर, और नागपुर मंडलों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रधान प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी डॉ. दर्शनीता बी. अहलुवालिया ने प्रतिभागियों को अपने कार्यस्थल पर लौटकर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का आह्वान किया।

सप्ताह के अंत में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख भूमिका प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी डॉ. दर्शनीता बी. अहलुवालिया और मनोज गुरुमुखी की रही।

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