मुख्य आरोपी सहित 3 गिरफ्तार, एक फरार-कर्मचारी की पत्नी ने लिखाई थी रिपोर्ट

बिलासपुर। जगमल चौक स्थित पेट्रोल पंप के डीलर का उसके कर्मचारी ने ही अपने तीन साथियों के साथ मिलकर उसी की कार में अपहरण कर लिया। कार रास्ते में खराब हो गई तो मोबाइल और नगद रकम लूटकर भाग गए। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक फरार चल रहा है।
अपहरण की रिपोर्ट टिकरापारा में रहने वाले कर्मचारी भोला की पत्नी दुर्गा यादव ने  28 जून को सिटी कोतवाली में दर्ज कराई। उसने बताया कि उसके पति ने उसके व अपने मालिक जीतू अग्रवाल के साथ मारपीट की है। मारपीट के बाद वे गाड़ी में जीतू अग्रवाल को कहीं बिठाकर ले गए हैं। उन दोनों का पता नहीं चल रहा है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 365 के तहत अपराध दर्ज कर घटना की जांच शुरू की।
पूछताछ से मालूम हुआ कि भोला यादव व उसकी पत्नी दुर्गा को जीतू अग्रवाल घटना के एक सप्ताह पहले कार से वृंदावन घुमाने के लिए ले गया था। लौटने के दौरान कटनी के पास भोला यादव ने अपनी पत्नी दुर्गा व मालिक जीतू से मारपीट कर दी। इस पर आरोपी भोला को जीतू ने कार से उतार दिया व उसकी पत्नी दुर्गा के साथ कार से बिलासपुर लौट गया। 26 जून को किसी दूसरे साधन से भोला यादव भी बिलासपुर पहुंच गया। रात में वह घर पहुंचकर अपनी पत्नी से मारपीट करने लगा। तब दुर्गा ने इसकी सूचना जीतू को दी। जीतू ने 27 जून की सुबह दुर्गा यादव को उसके बच्चे के साथ चकरभाठा के शिवा इन होटल में रुकवा दिया। इस बात की जानकारी होने पर भोला ने जीतू को अपने घर बुलाया। जीतू कार चालक त्रिलोचन के साथ भोला के घर पहुंचा। वहां जीतू से उसने पूछा कि तुमने मेरी पत्नी को कहां छिपा दिया। इसके बाद वह जीतू को खींचते हुए गली तक ले आया और उसके साथ जमकर मारपीट की। गली में आरोपी अजीत विश्वास, रोहन, नान्हू श्रीवास व लल्लू यादव भी मौजूद थे। उन सब ने जीतू व त्रिलोचन के साथ मारपीट की। आरोपियों ने जीतू को उसी की कार में बैठाया और पीटते हुए सेंदरी तक ले गए। सेंदरी में कार खराब हो जाने पर आरोपी जीतू के दो मोबाइल फोन और पर्स में रखे 20 हजार रुपये लूट लिए। इसके बाद दोनों को वहीं छोड़कर सभी आरोपी भाग गए।
पुलिस ने तलाशी के बाद लल्लू यादव को छोड़कर बाकी तीनों आरोपियों भोला (47 वर्ष), रोहन श्रीवास 20 वर्ष तथा अजीत विश्वास (24 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उन्होंने बताया कि सैमसंग का एक लाख कीमती मोबाइल फोन उन्होंने अपने पास रख लिया। दूसरे मोबाइल फोन को तोरवा के नाले में फेंक दिया। उस फोन की भी तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला। कार सेंदरी से बरामद कर ली गई। अपहरण की घटना को देखते हुए सभी पर आईपीसी की धारा 394 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने अपहरण व लूट की गुत्थी सुलझाकर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एएसपी सिटी उमेश कश्यप, सीएसपी कोतवाली पूजा कुमार, थाना प्रभारी चंदन सिंह मरकाम, आरक्षक गोकुल लागड़े, प्रेम सूर्यवंशी, रंजीत खांडे व अन्य स्टाफ की सराहना की है और स्टाफ को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

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