एक हफ्ते में दूसरी छात्रा की मौत से इलाके में शोक का माहौल
कोरबा। मेडिकल की पढ़ाई कर रही 22 वर्षीय छात्रा छाया गौतम ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। छाया रायपुर के एक मेडिकल कॉलेज में पिछले पांच सालों से पढ़ाई कर रही थी और करीब 15 दिन पहले ही रायपुर से कोरबा अपने घर लौटी थी।
परिजनों के मुताबिक, रायपुर से लौटने के बाद से ही छाया मानसिक तनाव में थी। उसने अपने पिता शशि भूषण गौतम, जो SECL में कार्यरत हैं, को बताया था कि उसे पढ़ाई के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पिता ने उसकी परेशानी को गंभीरता से लेते हुए कोरबा के एक निजी अस्पताल में इलाज भी शुरू करवाया था।
शुक्रवार सुबह जब घर में कोई नहीं था, तब छाया ने कला मंदिर क्षेत्र स्थित M-55 माइनस क्वार्टर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उस समय पिता ड्यूटी पर थे और मां भी बाहर गई हुई थीं। जब परिवार वालों को पता चला, तो उन्होंने तुरंत छाया के पिता को फोन पर इसकी जानकारी दी।
कुसमुंडा थाना प्रभारी राकेश गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों के बयान दर्ज कर लिए हैं। अब छाया की आत्महत्या के पीछे की वजह जानने के लिए रायपुर मेडिकल कॉलेज और उसकी सहेलियों से पूछताछ की जाएगी। साथ ही, उसके मोबाइल की कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है।
इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने छाया को श्रद्धांजलि दी है और इसे चिकित्सा क्षेत्र की एक प्रतिभाशाली छात्रा की बड़ी क्षति बताया है।
एक हफ्ते में दूसरी छात्रा की खुदकुशी
गौरतलब है कि कोरबा में एक हफ्ते के भीतर यह दूसरी छात्रा की आत्महत्या का मामला है। बीते शनिवार को कोरबा-रायपुर लोकल ट्रेन से जुड़ी एक और दुखद घटना सामने आई थी।
22 वर्षीय युवती श्वेता रात्रे, निवासी पहंदा, की लाश उरगा थाना क्षेत्र के पहंदा समपार फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर मिली थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह जब रायपुर-कोरबा लोकल मेमू ट्रेन वहां से गुज़री, उसके थोड़ी देर बाद ग्रामीणों ने ट्रैक पर लाश देखी और स्टेशन मास्टर को सूचना दी।
श्वेता भी कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी और पढ़ने-लिखने में काफी होशियार थी। साथ ही घर के कामों में भी मदद करती थी। शुक्रवार रात को उसने घर में खाना बनाया और सबको खिलाने के बाद अपने कमरे में चली गई, लेकिन सुबह वह रेलवे ट्रैक पर मृत मिली।
इन दोनों घटनाओं ने क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।