कोरबा। कोरबा जिले के धनरास गांव में राख की समस्या से परेशान लोगों का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। शुक्रवार को गांव पहुंचे NTPC के अधिकारियों को ग्रामीणों ने उन्हीं की फैलाई हुई राख का स्वाद चखा दिया। लोगों ने बोरी भर-भरकर राख लाई थी और गुस्से में आकर अधिकारियों के चेहरे पर राख फेंक दी। इस दौरान कटघोरा से बीजेपी विधायक प्रेमचंद पटेल भी मौके पर मौजूद थे।
दरअसल, धनरास गांव में NTPC थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाली राख को एक बड़े डैम में डाला जा रहा है। कुछ ठेकेदार इधर-उधर भी राख फेंक रहे हैं। गांव में जब हल्की हवा भी चलती है तो राख उड़कर पूरे इलाके को ढक देती है। लोगों के घर-आंगन, खाना-पीना सब कुछ राख से भर जाता है। शादी-ब्याह या कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम हो, अगर हवा चली तो खाना भी राख में मिल जाता है।
ये परेशानी सालों से चली आ रही है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से हालात और बिगड़ गए हैं। NTPC की ओर से गांव के सरपंच को राशन भत्ते के रूप में प्रति राशन कार्ड ₹3000 दिए जाते हैं, लेकिन आरोप है कि इसमें भी फर्जीवाड़ा हो रहा है और कुछ लोगों ने झूठे नामों से पैसा ले रखा है।
लगातार शिकायतें करने और कोई असर न दिखने के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन का रास्ता चुना।
2 जून से ही धनरास राखड़ डैम में ग्रामीण धरने पर बैठे थे। उनकी 7 मांगें थीं, जिनमें प्रमुख मुद्दे राख की समस्या और स्थानीय लोगों को रोजगार देना शामिल था।
जब कई दिन तक सुनवाई नहीं हुई तो 5 जून की शाम NTPC के अधिकारी बात करने पहुंचे। उनके साथ कटघोरा विधायक, तहसीलदार, पुलिस और CISF के जवान भी थे। शाम 4 बजे बातचीत शुरू हुई, करीब ढाई घंटे चली, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
जब अधिकारी बिना निर्णय लिए वापस जाने लगे, तो गुस्साए ग्रामीणों ने राख को होली के गुलाल की तरह उन पर फेंक दिया। CISF के जवान तुरंत अधिकारियों को घेरे में लेकर वहां से निकालने लगे, लेकिन ग्रामीण नारेबाज़ी करते रहे और राख फेंकते रहे। इस हंगामे में कुछ पुलिस अधिकारी भी राख की चपेट में आ गए।
राख फेंकने की घटना के बाद देर शाम फिर एक बैठक बुलाई गई जिसमें विधायक प्रेमचंद पटेल, राजस्व अधिकारी और पुलिस मौजूद थे। विधायक ने ग्रामीणों की बात रखी, जिसके जवाब में NTPC ने 10 दिन का समय मांगा है ताकि उनकी मांगों पर कार्रवाई की जा सके। इसके बाद ग्रामीणों ने फिलहाल आंदोलन स्थगित कर दिया है।