कोरबा। बांगो थाना में पदस्थ एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार की बेरहमी से हत्या करने वाले डीजे संचालक करण गिरी को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। आरोपी ने ड्यूटी के बाद बैरक में सो रहे एएसआई पर धारदार टांगी से हमला कर जान ले ली थी। कोर्ट ने उसे उम्रकैद के साथ जुर्माना भी लगाया है।
बैरक में घुसकर टांगी से किया हमला
यह घटना 9 और 10 मार्च 2023 की दरम्यानी रात की है। बांगो थाना में पदस्थ एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार अपने बैरक में सो रहे थे, तभी आधी रात को किसी ने उन पर टांगी से हमला कर दिया। शरीर पर कई जगह वार होने की वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस सनसनीखेज मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक यू. उदयकिरण के निर्देश पर कटघोरा एसडीओपी ईश्वर प्रसाद त्रिवेदी और थाना प्रभारी अभय सिंह बैस के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। साइबर टीम की मदद से कुछ ही दिनों में करण गिरी, उम्र 25 साल, निवासी ग्राम ठीहाईपारा, कोनकोना को गिरफ्तार किया गया।
होली पर डीजे बंद कराने से भड़का था गुस्सा
जांच में पता चला कि दिसंबर 2022 में एएसआई परिहार ने आरोपी करण गिरी पर अवैध शराब का मामला दर्ज किया था, जिससे उसे 15-20 दिन जेल में रहना पड़ा। इसके बाद 8 मार्च 2023 को होली की रात मोहल्ले में जब करण डीजे बजवा रहा था, तब शिकायत मिलने पर एएसआई परिहार ने डीजे बंद करवा दिया और डॉयल 112 को बुलाकर डीजे भी जप्त करा दिया।
इसके अगले दिन थाना परिसर में पुलिस कर्मियों ने होली मनाई और खुद भी डीजे चलाया, जिसमें एएसआई परिहार भी शामिल थे। इसी बात से नाराज होकर करण ने बदला लेने की ठानी।
आरोपी करण ने उसी रात मौका देखकर एएसआई परिहार के बैरक में घुसकर टांगी से हमला कर दिया। फिर हथियार को नदी में धोकर झाड़ियों में फेंक आया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर हथियार बरामद किया।
कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
कटघोरा के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश एच. के. रात्रे की अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी करण गिरी को दोषी पाया।
- IPC की धारा 450 के तहत 7 साल की सजा
- IPC की धारा 302 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
साथ ही, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त जेल होगी।
जांच में पुलिस टीम की रही अहम भूमिका
इस पूरे मामले में थाना प्रभारी अभय सिंह बैस, सायबर थाना प्रभारी सनत सोनवानी और उनकी टीम ने मिलकर आरोपी को पकड़ने और सबूत इकट्ठा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक दिलीप झा ने प्रभावी ढंग से पक्ष रखा, जिससे आरोपी को सजा दिलाई जा सकी।