राज्य शासन ने दिया शपथ पत्र – नदी के स्वच्छ जल क्षेत्र में नहीं होगी राख की डंपिंग
बिलासपुर। कोरबा जिले की तान नदी, जो हसदेव नदी की प्रमुख सहायक नदी है, अब प्रदूषण से सुरक्षित रहेगी। राज्य शासन की ओर से शुक्रवार को यह शपथपत्र दिया गया कि नदी के स्वच्छ जल क्षेत्र में अब फ्लाई ऐश (राख) डंप नहीं की जाएगी। इस आश्वासन के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को निराकृत कर दिया।
यह याचिका गोविंद शर्मा ने सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी के माध्यम से दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने बताया था कि रीजनल ऑफिस कोरबा, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकार क्षेत्र में आने वाले कोनकोना गांव के बंद स्टोन माइन के अंदर फ्लाई ऐश डंप करने की अनुमति दी गई थी। इसी अनुमति का फायदा उठाकर थर्मल पावर प्लांट संचालक तान नदी के आसपास राख डाल रहे थे, जो पर्यावरणीय मानकों का सीधा उल्लंघन था।
नियमों के खिलाफ था राख डंपिंग का काम
याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि राख का डंपिंग क्षेत्र तान नदी से मात्र 150 मीटर दूरी पर है, जो भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के 28 अगस्त 2019 के निर्देशों के खिलाफ है। मंत्रालय के इम्पैक्ट असेसमेंट डिवीजन ने स्पष्ट किया था कि ओपन माइनिंग क्षेत्र में राख डंपिंग जल स्रोतों से निर्धारित दूरी बनाए बिना नहीं की जा सकती।
सरकार के जवाब के बाद कोर्ट ने मामला किया खत्म
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान शासन से जवाब मांगा था। शासन की ओर से प्रस्तुत शपथपत्र में यह कहा गया कि अब तान नदी के स्वच्छ जल क्षेत्र में किसी भी प्रकार की फ्लाई ऐश डंपिंग नहीं की जाएगी और पर्यावरण सुरक्षा के सभी प्रावधानों का पालन किया जाएगा। इस पर कोर्ट ने याचिका को निराकृत करते हुए मामले को समाप्त कर दिया।













