कोरबा। कोरबा जिले के दर्री थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर में गुरुवार-शुक्रवार की मध्यरात्रि को करैत (जहरीला) साँप काटने की घटना में पिता-पुत्र की मौत हो गयी। परिजनों का आरोप है कि गोपालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में विष-रोधी (एंटी-वेनम) इंजेक्शन उपलब्ध न होने और प्राथमिक इलाज न किए जाने के कारण समय पर उपचार नहीं हो सका, जिसके चलते चूड़ामणि भारद्वाज (52) और उनका पुत्र प्रिंस (10) जान से चले गए। चूड़ामणि की पत्नी रजनी (41) गंभीर रूप से अस्पताल में भर्ती हैं।


कंबल के भीतर छिपे करैत ने डसा

  • गुरुवार-शुक्रवार की मध्यरात्रि, परिवार सो रहा था। कंबल के भीतर छिपे करैत साँप ने सबसे पहले चूड़ामणि को डसा। नींद में होने के कारण उन्हें शुरुआत में महसूस नहीं हुआ।
  • साँप ने पास सो रहे 10 वर्षीय प्रिंस को भी काट लिया। प्रिंस के दर्द से रोने पर माता-पिता जग गए और उसी समय कंबल में छिपा साँप रजनी को भी काट गया।
  • परिजन तुरंत तीनों को लेकर गोपालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।

PHC का स्टाफ बाहर ही नहीं निकला 

  • परिजनों के अनुसार स्वास्थ्य केंद्र पहुँचने के बाद लगभग आधे घंटे तक कोई मेडिकल स्टाफ बाहर नहीं आया।
  • ड्यूटी पर मौजूद एक कर्मचारी ने उपचार करने से पहले बताया कि विष-रोधी टीका उपलब्ध नहीं है और इसलिए मरीजों का उपचार केन्द्र पर संभव नहीं है।
  • परिजन बताते हैं कि इलाज में यह विलंब और एंटी-वेंम की अनुपलब्धता प्रमुख वजह रही, इसलिए उन्होंने तुरंत तीनों को ऑटो से मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओर भेजा।

मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान मौत 

  • मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचने पर चूड़ामणि और उनके पुत्र प्रिंस को इलाज शुरू किया गया, लेकिन उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई। रजनी को यहां भर्ती कर गंभीर हालत में इलाज चल रहा है।

परिवार की नाराजगी और आरोप
चूड़ामणि के भाई द्वारका भारद्वाज ने स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि समय पर प्राथमिक इलाज व एंटी-वेंम उपलब्ध करवा दिया जाता तो पिता-पुत्र की जान बच सकती थी। परिवार अब स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों और प्रशासन से मामले की सीबीआई/गहन जांच व जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है।


स्वास्थ्य अधिकारी ने जांच की बात कही
कोरबा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एस. एन. केसरी ने कहा कि उन्हें गोपालपुर स्वास्थ्य केंद्र पर एक हाल में नियुक्त कर्मचारी द्वारा बिना उपचार किए रेफर करने की सूचना मिली है। उन्होंने इसे गंभीर बताया और कहा कि मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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