कोरबा। कोल इंडिया के दबाव के कारण एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) ने उत्पादन बढ़ाने की दिशा में अत्यधिक जोर दिया है, जिससे सुरक्षा नियमों की लगातार अनदेखी की जा रही है। सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने एसईसीएल के कुसमुंडा मेगा प्रोजेक्ट में हाल ही में हुए हादसे पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इस दुर्घटना में एसईसीएल कुसमुंडा के सहायक प्रबंधक (माइनिंग) जितेंद्र नागरकर का निधन हुआ है, जिस पर सांसद ने शोक व्यक्त किया है।

सांसद महंत ने आरोप लगाया है कि एसईसीएल प्रबंधन केवल उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कार्यरत है, और सुरक्षा नियमों की अनदेखी कर रहा है। हाल ही में हुई एक घटना में वर्षा के कारण एसईसीएल के 6 अधिकारी और कर्मचारी खदान में फंस गए थे, जिन्हें राहत दल द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया। सांसद ने इस घटना को सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी का उदाहरण बताते हुए कहा कि एसईसीएल के अधिकारी बड़े-बड़े दौरे तो कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा नियमों और कर्मचारियों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।

सांसद ने आगे कहा कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी के कारण पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। प्रबंधन का पूरा ध्यान उत्पादन बढ़ाने पर केंद्रित है, जबकि कर्मचारियों और भू-विस्थापितों की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीणों की समस्याओं और सुरक्षा की चिंताओं को लेकर एसईसीएल अधिकारियों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई है और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए कोई वार्ता भी नहीं की है।

सांसद ने कुसमुंडा परियोजना में दुर्घटनाओं की जांच की मांग की है और एसईसीएल प्रबंधन से सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने का आह्वान किया है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।

 

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