बिलासपुर। दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर और खड़गपुर मंडलों में आदिवासी कुड़मी समाज के आंदोलन के चलते ट्रेन संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई स्टेशनों और लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर हो रहे आंदोलन के कारण गाड़ियों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोका जा रहा है और कुछ ट्रेनों का मार्ग भी बदला गया है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में गाड़ियों का नियंत्रण
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने जानकारी दी कि यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर नियंत्रित किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से—
- गाड़ी संख्या 22357 (लोकमान्य तिलक टर्मिनस–गया) को रायगढ़ स्टेशन में नियंत्रित किया गया।
- गाड़ी संख्या 13287 (दुर्ग–आरा) को खरसिया स्टेशन पर रोका गया।
- गाड़ी संख्या 18110 (इतवारी–टाटानगर) को सक्ती स्टेशन में नियंत्रित किया गया।
- गाड़ी संख्या 07256 (चेरलापल्ली–पटना) को बिलासपुर स्टेशन में रोका गया।
- गाड़ी संख्या 17321 (वास्को-डि-गामा–जसीडीह) को भाटापारा स्टेशन में नियंत्रित किया गया।
- गाड़ी संख्या 12129 (पुणे–हावड़ा) को रायपुर स्टेशन में रोका गया।
इसके अलावा, 12101 (लोकमान्य तिलक टर्मिनस–शालीमार), 12949 (पोरबंदर–संतरागाछी) और 12809 (सीएसएमटी–हावड़ा) को मध्य रेलवे के स्टेशनों पर नियंत्रित किया गया है।
यात्रियों की परेशानी को देखते हुए स्टेशनों पर खाने-पीने और पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। साथ ही, लगातार उद्घोषणाएं की जा रही हैं ताकि यात्रियों को जानकारी मिलती रहे।
धनबाद और अन्य मंडलों में भी असर
आंदोलन का असर धनबाद मंडल के पारसनाथ, छपरा, प्रधानखंटा और दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर व खड़गपुर रेल मंडलों में भी दिखा। यहां से गुजरने वाली कुछ गाड़ियों का मार्ग बदलकर उन्हें संचालित किया गया है।
- 12949 (पोरबंदर–शालीमार) अब ईब–झारसुगुड़ा रोड–कटक–भद्रक–खड़गपुर मार्ग से शालीमार पहुंचेगी।
- 12809 (सीएसएमटी–हावड़ा) को भी यही वैकल्पिक मार्ग दिया गया।
- 18029 (एलटीटी–शालीमार) और 20971 (उदयपुर सिटी–शालीमार) को भी इसी मार्ग से चलाया जा रहा है।
बंगाल, झारखंड और ओडिशा में असर
यह आंदोलन सबसे ज्यादा बंगाल, झारखंड और ओडिशा में रेल सेवाओं को प्रभावित करता दिखा। खासकर चांडिल सेक्शन में स्थिति गंभीर रही, जहां सैकड़ों लोग चांडिल और निमडीह स्टेशन के पास सुबह से लेकर शाम तक पटरियों पर डटे रहे।
आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग
कुड़मी समाज की ओर से अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा और कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर मंगलवार को बड़ा आंदोलन किया गया। इस कारण झारखंड से गुजरने वाली 30 से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा, जबकि कई ट्रेनों को मार्ग बदलकर या बीच रास्ते ही रोकना पड़ा।
30 से ज्यादा गाड़ियां रद्द
दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य चौधरी ने बताया कि आंदोलन के चलते 30 से ज्यादा ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। वहीं कुछ ट्रेनों को छोटा करके चलाया गया और कुछ को दूसरे मार्गों पर डायवर्ट किया गया। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक खेमासोली (खड़गपुर मंडल) में आंदोलन जारी था, जिससे हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग की आवाजाही प्रभावित रही। इस आंदोलन से सबसे ज्यादा परेशानी यात्रियों को झेलनी पड़ी। रद्द की गई अन्य ट्रेनों में टाटानगर-हावड़ा स्टील एक्सप्रेस, हावड़ा-बरबिल जनशताब्दी एक्सप्रेस, हावड़ा-टिटलागढ़ इस्पात एक्सप्रेस, आसनसोल-टाटानगर एक्सप्रेस, टाटानगर-दानापुर एक्सप्रेस और हावड़ा-घाटशिला एक्सप्रेस शामिल हैं।
कुड़मी समाज का ऐलान, आंदोलन जारी रहेगा
झारखंड कुड़मी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार और प्रवक्ता ओमप्रकाश महतो ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि जब तक कुरमी समाज को एसटी सूची में शामिल करने की घोषणा नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कोई फैसला नहीं लिया तो आने वाले लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा।
ओहदार का कहना है कि स्वतंत्रता के बाद 1955 तक कुड़मी समाज एसटी सूची में शामिल था, लेकिन बाद में साजिश के तहत इसे बाहर कर दिया गया।