बिलासपुर। बिलासपुर के बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट पर हवाई सेवा को बेहतर बनाने की दिशा में जरूरी कामों में अब भी ढिलाई बरती जा रही है। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने एक बार फिर डीवीओआर (DVOR) मशीन की स्थापना में हो रही देरी पर सवाल उठाया है। समिति का कहना है कि 6 महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है, लेकिन अब तक केवल मशीन का ढांचा खड़ा हुआ है। पूरी मशीन लगाने में अभी भी तीन से चार महीने का समय लग सकता है।
डीवीओआर मशीन से विमानों को लो विजिबिलिटी यानी कम रोशनी में भी लैंडिंग में मदद मिलती है। अगर यह मशीन समय पर लग जाती, तो मानसून जैसे मौसम में फ्लाइट रद्द होने की नौबत नहीं आती। अब खतरा बना हुआ है कि खराब मौसम में यात्रियों को उड़ानों के रद्द होने की परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
पुरानी टर्मिनल बिल्डिंग से नहीं मिल रही पर्याप्त सुविधा
समिति ने एयरपोर्ट की अन्य बुनियादी सुविधाओं की भी ओर ध्यान दिलाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो टर्मिनल बिल्डिंग है, वह अंग्रेजों के जमाने की बनी हुई है। उसका दो बार विस्तार हो चुका है, लेकिन अब भी वह एक साथ दो फ्लाइट के यात्रियों को हैंडल करने के लायक नहीं है।
अधर में लटकी नई टर्मिनल बिल्डिंग की योजना
समिति ने बताया कि साल 2019-20 में 6 करोड़ 70 लाख रुपये की लागत से एक नई टर्मिनल बिल्डिंग को मंजूरी दी गई थी। बाद में 70 करोड़ रुपये की लागत से एक और बड़ी टर्मिनल बिल्डिंग का प्रस्ताव सामने आया, जिसकी वजह से पहले वाली योजना रोक दी गई। अब हालत यह है कि ना पुरानी मंजूरी पर काम शुरू हुआ, और ना ही नए प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई आगे बढ़ पाई है।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि डीवीओआर मशीन को जल्द से जल्द पूरी तरह स्थापित किया जाए और नई टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण की प्रक्रिया को तुरंत शुरू किया जाए, ताकि बिलासपुर को बेहतर हवाई सुविधा मिल सके।