बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पार्थिव शरीर आज दोपहर बिलासपुर पहुंचने पर उनके समर्थकों, नेताओं और शुभचिंतकों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया। करीब 30 मिनट रुकने के बाद उनकी अंतिम यात्रा कोटा होते हुए गौरेला के लिए रवाना हुई।
जोगी का कल रायपुर के नारायणा हॉस्पिटल में 20 दिन के इलाज के बाद निधन हो गया था। रायपुर निवास से उनकी अंतिम यात्रा मरवाही के सेनेटोरियम के लिए आज सुबह निकली। सड़क मार्ग से उनका शव दोपहर 1.15 बजे उनके बिलासपुर स्थित शासकीय आवास मरवाही सदन में पहुंचा। यहां उनके समर्थक और शुभचिंतक तथा बिलासपुर में रहने वाले उनके परिवार के सदस्य पहले से प्रतीक्षा कर रहे थे। शव वाहन के मरवाही सदन पहुंचते ही परिसर अजीत जोगी अमर रहे के नारों से गूंज उठा। कई लोग जिनमें कोटा, गौरेला क्षेत्र से पहुंची महिलाएं भी शामिल थीं, फफक-फफक कर रो रही थीं। मरवाही सदन में उनके कार्यालय के ठीक सामने एक चबूतरे पर उनका ताबूत रखा गया, जिस पर फूल, पुष्प गुच्छ और मालाएं अर्पित कर लोगों ने श्रद्धांजलि दी। इनमें विधायक शैलेष पांडे, रश्मि सिंह ठाकुर, महापौर रामशरण यादव, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, पूर्व विधायक चंद्र प्रकाश बाजपेयी, पूर्व महापौर राजेश पांडे, अनिल टाह आदि शामिल थे। जोगी के सबसे बड़े भाई रिटायर्ड प्रोफेसर एसआर जोगी सहित बिलासपुर में रहने वाले उनके परिवार के सदस्य भी यहां पहुंच गये थे। जोगी का पार्थिव शरीर करीब 30 मिनट बाद कोटा के रास्ते से जोगीपुर रवाना किया गया, जो उनका पैतृक ग्राम है। यहां भी बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर बैठे प्रतीक्षारत हैं। गांव में आज सुबह से लोगों ने भोजन भी नहीं बनाया है। जोगी की अंतिम यात्रा पहले रतनपुर होते हुए केंदा से गौरेला ले जाने का कार्यक्रम था लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनकी अंतिम यात्रा में कोटा में शामिल होंगे, यह सूचना जिला प्रशासन के पास पहुंची। इसके बाद कोटा, बेलगहना मार्ग से वाहन ले जाया गया। रायपुर बिलासपुर के बीच भी सिमगा, नांदघाट, सरगांव और बिल्हा में लोगों ने उनका अंतिम दर्शन किया और श्रद्धांजलि दी।