विधिक सहायता प्राधिकरण का आयोजन
बाल दिवस के अवसर पर स्कूलों में आज विशेष कानूनी साक्षरता शिविरों का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से छात्र छात्राओं में कानून की जानकारी दी गई।
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालिक अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा के निर्देश पर इसी कड़ी में महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला में शिविर रखा गया। इसे सम्बोधित करते हुए प्राधिकरण के सदस्य सचिव विवेक कुमार तिवारी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस शाला में लीगल लिट्रेसी क्लब बनाया गया है। छात्राओं में कानूनी जागरूकता लाने के लिए यहां विविध स्पर्धाएं आयोजित की जाती हैं। इससे छात्रों को अपने मौलिक अधिकार व कर्तव्यों के साथ-साथ कानूनों की जानकारी होती है।
तिवारी ने बताया कि यदि पुलिस कोई एफआईआर दर्ज करने से इन्कार करे तो न्यायालय के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराया जा सकता है। कहीं भी अन्याय अपराध हो तो एफआईआर जरूर दर्ज करानी चाहिए। जहां अशिक्षा व शोषण होता है वहां अपराध अधिक घटते हैं। कानूनी रूप से जागरूक होने पर अपराध व अन्याय कम होते हैं। उन्होंने कहा कि हर घर में दो पहिया वाहन होते हैं। इसे चलाने के लिए वाहन का इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन तथा चालक का ड्राइविंग लाइसेंस जरूर होना चाहिए। यदि इंश्योरेंस न हो तो दुर्घटना की स्थिति में वाहन मालिक को बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ सकता है। इसी तरह मोबाइल फोन का उपयोग शैक्षणिक उद्देश्य व दूरभाष के लिए करना चाहिए. अवांक्षनीय उपयोग कानूनी रूप से उपयोगकर्ता को समस्या में डाल सकता है।
कार्यक्रम में विधिक सहायता अधिकारी ने बाल दिवस, विधिक सेवा प्राधिकरण की संरचना और उसके कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। स्वागत भाषण उप प्राचार्य कौशिक ने दिया तथा आभार प्रदर्शन सहायक प्राध्यापक चंदेल ने किया। कार्यक्रम में प्राधिकरण के उप-सचिव दिग्विजय सिंह, अवर सचिव श्वेता श्रीवास्तव, विधिक सहायता अधिकारी विश्वभूषण मिश्र आदि ने भी जानकारी दी।
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