आक्रामक चुनाव प्रचार और शत-प्रतिशत मतदान की अपील का शहरी वोटरों में असर नहीं दिखा
बिलासपुर में हुए कम मतदान ने विश्लेषकों को चौंका दिया है। रायपुर से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बिलासपुर विधानसभा में सबसे कम 55.42 प्रतिशत वोट डाले गए। दूसरी तरफ मरवाही सीट जहां पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने चुनाव लड़ा है वहां सबसे अधिक70 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
हालांकि यह प्रारंभिक आंकड़ा है। बुधवार शाम तक अधिक स्पष्ट सूची तैयार हो जाएगी। इसमें अधिक अंतर आने की स्थिति नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक बिलासपुर में सबसे कम 55.42 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। इस सीट पर मंत्री अमर अग्रवाल पांचवी बार चुनाव मैदान पर उतरे। माना जा रहा है कि यहां उनके और कांग्रेस प्रत्याशी शैलेष पांडेय के बीच कड़ा संघर्ष हुआ है। वोट प्रतिशत कम होने के कारण अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां जीत-हार का अंतर काफी कम हो जाएगा। बिलासपुर का यह आंकड़ा इसलिए भी हैरान करने वाला है क्योंकि यहां का चुनाव जिले का सबसे खर्चीला चुनाव माना जाता है। चुनाव प्रचार अभियान में दोनों दलों के प्रमुख उम्मीदवारों ने सारी ताकत झोंकी। जिला मुख्यालय होने के कारण यहां मतदाता जागरूकता कार्यक्रम भी शत-प्रतिशत मतदान की अपील के साथ प्रमुखता से चलाया गया था।
दूसरी ओर मरवाही में ठीक उलट स्थिति है। संभवतः छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी यहां से चुनाव हर बार की तरह निकाल लें, हालांकि हार-जीत का अंतर बदल सकता है। बिल्हा भी उन सीटों में शामिल है, जहां कम वोट पड़े। यहां से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक का कांग्रेस के प्रत्याशी राजेन्द्र शुक्ला तथा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस उम्मीदवार सियाराम कौशिक से मुकाबला हुआ है। लोरमी, जहां पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष धरमजीत सिंह ठाकुर ने चुनाव लड़ा वहां भी सिर्फ 59 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। मंत्री पुन्नूलाल मोहले मुंगेली से मैदान में उतरे थे, यहां भी 64 प्रतिशत मतदान हुआ है।
राज्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मतों का प्रतिशत जारी किया हैः-
मरवाही-70%, कोटा-66.14%, तखतपुर-66%, बिल्हा- 64.20%, बिलासपुर-55.42%, बेलतरा-65.35%, मस्तूरी-60.15% लोरमी-59% तथा मुंगेली-64%