हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखा पत्र

बिलासपुर। हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर बिलासपुर एयरपोर्ट रन वे विस्तार के लिये 200 एकड़ जमीन की मांग की है।

समिति ने पत्र में कहा  है कि सन् 2011 में भारतीय सेना के लिये रक्षा मंत्रालय द्वारा चकरभाठा बिलासपुर एयरपोर्ट से जोड़कर सेना के ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की योजना बनाई गई। इसके अनुसार सेना को एयरपोर्ट का रन वे विस्तार कर उसे बड़े हवाई जहाजों के संचालन हेतु उपयुक्त बनाना शामिल था। इससे सेना के मालवाहक हवाई जहाज भी यहां उतरते। इस उद्देश्य के लिये जिला प्रशासन ने 1012 एकड़ भूमि प्रायः किसानों से अधिग्रहित कर एयरपोर्ट के चारों ओर जमीन दी गई। हालांकि विगत 10 वर्षों में सेना ने उक्त भूमि पर ट्रेनिंग सेंटर या अपना कोई भी संस्थान स्थापित करने की कोई पहल नहीं की और न ही एयरपोर्ट रनवे विस्तार करने के लिए कोई कदम उठाया। ऐसा प्रतीत होता है कि रक्षा मंत्रालय बिलासपुर में ट्रेनिंग सेंटर की योजना को ड्रॉप कर चुका है। इस कारण बिलासपुर एयरपोर्ट का विकास भी बाधित हुआ। वर्तमान में यह एयपोर्ट 1500 रन वे के साथ केवल 72 से 90 सीटर विमानों के लिये उपयुक्त है, परन्तु बोईंग और एयरबस जैसे विमानों के लिए रन वे का विस्तार 2500 मीटर तक करना जरूरी है। इस विस्तार के लिये सेना की कब्जे की 1012 एकड़ जमीन में से लगभग 200 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।

यह देखते हुए कि उक्त भूमि का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है और भूमि की अनुपलब्धता के कारण एक व्यापक जनहित का प्रोजेक्ट, एयरपोर्ट का विकास प्रभावित हो रहा है, अनुरोध है कि आप इस मामले में तुरंत दखल देकर रन वे विस्तार के लिए आवश्यक 200 एकड़ भूमि जिला प्रशासन को वापस करने के लिए सहमति दे।

छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के अनुसार एयरपोर्ट के लिए वापस की गई भूमि के बदले में सेना या रक्षा मंत्रालय अन्य भूमि प्राप्त कर सकता है। यदि सेना चकरभाठा बिलासपुर में अभी भी अपना संस्थान स्थापित करना चाहती है तो शेष 812 एकड़ भूमि में ऐसा कर सकती है। साथ जुड़ी हुई 200 एकड़ अन्य भूमि भी जिला प्रशासन से हासिल कर सकती है। इस संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा भी निवेदन किया जा चुका है।

उपरोक्त पत्र की एक प्रतिलिपि जिला कलेक्टर बिलासपुर को भी भेजी गई है।

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