बिलासपुर। रायपुर के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड में सभी आरोपियों की सजा हाईकोर्ट ने बरकरार रखी है। इस मामले में पूर्व में 23 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। अब सजा के खिलाफ अपील करने वाले सभी 27 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है, जिनमें महापौर एजाज ढेबर के भाई याह्या ढेबर भी शामिल हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष व स्व. विद्याचरण शुक्ल के करीबी रहे रामअवतार जग्गी की 4 जून 2003 को राजधानी रायपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सीबीआई ने इस मामले में अमित जोगी सहित 31 लोगों को आरोपी बनाया था। विशेष अदालत ने 2007 में अमित जोगी को बरी कर दिया था, जबकि 23 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। दो आरोपी सरकारी गवाह बन गए थे। अन्य लोगों को 5-5 साल की सजा सुनाई गई थी, जिनमें दो सीएसपी सहित 3 पुलिस कर्मी भी शामिल थे। अभियुक्तों ने हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ अपील दायर की थी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच ने 28 फरवरी से लगातार तीन दिन तक मामले की सुनवाई थी, जिसमें राज्य सरकार, सीबीआई तथा याचिकाकर्ताओं के वकीलों की ओर से दलीलें दी गई थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद 2 मार्च को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। अब कोर्ट ने अपील करने वाले सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
स्व. जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने अमित जोगी को बरी करने के खिलाफ याचिका लगाई है। उनकी ओर से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दायर होने के कारण सुनवाई रुकी हुई है।
जग्गी हत्याकांड में दोषी अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, विक्रम शर्मा, जसवंत, विश्वनाथ राजभर की ओर से अपील की गई थी। इनमें राकेश शर्मा की मौत हो चुकी है। उम्र कैद की सजा पाने वालों में शूटर चिमन सिंह, याह्या ढेबर सहित दो सीएसपी व एक थाना प्रभारी शामिल हैं।