लोको पायलट एसोसिएशन की 48घंटे की भूख हड़ताल शुरू, जीएम दफ्तर के सामने धरना, कई लोको पायलट खाली पेट ड्यूटी पर निकले ., मेस में खाना नहीं बना..
कोई भी लोको पायलट शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहे तभी उसे ट्रेन चलाने की अनुमति होती है। पर दो माह पहले से दी गई चेतावनी के बावजूद आज सुबह से आंदोलन पर उतरे चालकों को भूखे पेट ट्रेन चलाने से रेल प्रशासन ने नहीं रोका।
आंदोलनकारी खुद कह रहे हैं कि 48 घंटे तक उपवास पर रहकर ट्रेन चलाना भारी जोखिम का काम है, ऐसा आंदोलन पहली बार किया जा रहा है। लेकिन इस स्थिति के लिए वे रेलवे प्रबंधन को दोषी मानते हैं।
रेलवे महाप्रबंधक कार्यालय के सामने आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले धरना दे रहे आंदोलनकारियों के अनुसार वे आज सुबह नौ बजे से यहां बैठे हैं।
उनका कहना है कि रेलवे के अड़ियल रवैये के कारण यह कदम उठाना पड़ा है। अपनी मांगें पूरी करने के लिए इसके पहले हम सारे लोकतांत्रिक तरीके अपना चुके हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, सिर्फ आश्वासन मिला।
एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी वी के तिवारी का कहना है कि रेल मंत्री, चेयरमेन को हमने लगातार पत्र लिखे हैं। दो माह पहले ही हमने बता दिया था कि मांगे पूरी नहीं होती तो हम 17 जुलाई से उपवास पर बैठेंगे और इसी हालत में ट्रेन चलाएंगे।
आज मेस में खाना भी नहीं बनाया गया है। ट्रेन चालक भूखे पेट ट्रेन लेकर निकले हैं, कोई अनहोनी होगी तो रेल प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार होगा। हमारी मांग वेतन विसंगति दूर करने की है। तिवारी ने कहा कि मांगें नहीं मानी गई तो हमें मजबूरन रेल का परिचालन भी रोकना पड़ेगा।