पुलिस ने सूचना मिलने के एक दिन बाद एनडीआरएफ को भेजा

बिलासपुर। सीपत इलाके में जुआरियों को पुलिस ने दौड़ाया तो उनमें से तीन लोग लीलागर नदी के एनिकट में कूद गए। इनमें से एक की जान चली गई। घटना के तीन दिन बाद आज उसका शव बरामद किया गया है। इस घटना में स्थानीय पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है।

सीपत थाने के धौराकोना गांव में जुआ खेलने की शिकायत मिलने पर गुरुवार को शाम 4 बजे पुलिस ने वहां दबिश दी। एक फड़ पर जुआरियों को उन्होंने घेर लिया। इस दौरान पांच जुआरियों को उन्होंने हिरासत में ले लिया। इस बीच पुलिस के चंगुल से बचकर भागने लगे। पुलिस ने जब दौड़ाया तो जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा के तीन युवक कार्तिक, वीरेंद्र और समीद भाग निकले। पुलिस से बचने के लिए वे लीलागर नदी पर बने एनिकट में कूद गए। कार्तिक और वीरेंद्र थोड़ी देर बाद तैरकर बाहर निकल आए लेकिन समीद बाहर नहीं निकला। वह एनिकट में डूब गया था। इस पर घबराकर उन्होंने समीद के भाई अलीम कुरैशी को फोन किया। अलीम अपने परिचितों को लेकर एनिकट तक पहुंचा। साथ ही बलौदा तथा सीपत पुलिस को हादसे की जानकारी दी और डायल 112 में भी फोन किया। सूचना मिलने के बाद किसी भी जगह से पुलिस घटनास्थल तक नहीं पहुंची। अलीम और उसके साथियों ने देर रात तक उसकी तलाश करने की कोशिश की। शुक्रवार की सुबह वे फिर उन्होंने खोजबीन की कोशिश की, पर गोताखोर और बोट की व्यवस्था नहीं होने पर उन्होंने फिर पुलिस से मदद मांगी। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे एसडीआरएफ की टीम ने एनिकट पहुंचकर तलाश शुरू की। समीद का कुछ पता नहीं चला। आज सुबह उसका शव एसडीआरएफ के गोताखोरों ने निकाल लिया है।

समीद के परिजनों का कहना है कि सूचना देने के बाद भी पुलिस अगले दिन पहुंची, जिससे समीद के बचने की उम्मीद खत्म हो गई थी। समीद की शादी हो चुकी है और उसके दो छोटी लड़कियां हैं।

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