बिलासपुर। भारतीय काव्य साहित्य को मौलिक संगीत रचना के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने के लिए विगत 60 वर्षों से काम कर रही शहर की संस्था काव्य भारती के शिष्यों व पूर्व छात्रों की ओर से रविवार दो फरवरी को मनीष दत्त सम्मान समारोह एवं संगीत प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।
काव्य भारती के संस्थापक मनीष दत्त के शिष्य, जाने-माने संगीतकार अर्नब चटर्जी एवं कला प्रेमी डॉ. अजय श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बिलासपुर प्रेस क्लब मे कार्यक्रम की रूपरेखा बताई।
मूलतः बिलासपुर निवासी अर्नब चटर्जी बीते 20 सालों से बॉलीवुड में व्यस्त हैं। उन्होंने ‘झन भूलौ, मां बाप ला’ जैसी कई सुपरहिट छत्तीसगढ़ी फिल्मों का संगीत दिया है। वे मराठी फिल्मों व धारावाहिकों में लोहा मनवा चुके हैं। उन्हें इसके लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई बार पुरस्कृत भी किया जा चुका है। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए वे मुंबई से आज ही बिलासपुर पहुंचे।
मनीष दत्त ने देश के अनेक महान कवियों की 2000 रचनाओं को संगीतबद्ध किया है। उनके सैकड़ों शिष्यों ने देश-विदेश में अच्छा मुकाम हासिल किया है।
पत्रवार्ता में चटर्जी ने कहा कि 80 वर्ष के करीब पहुंच रहे गुरु मनीष दत्त को बहुत पहले ही पद्मश्री और पद्म विभूषण जैसा सम्मान मिल जाना चाहिए था लेकिन यह संभव नहीं हो सका इसलिए हम शिष्य और उनके सम्मान में ऐसा आयोजन कर रहे हैं । अर्नब ने कहा कि मुम्बई में उन्हें अपने गुरु मनीष दत्त की शिक्षा से ही अपना काम बेहतर करने को मौका मिलता है।
उन्होंने बताया कि पहला मनीष दत्त सम्मान समारोह वर्ष 2016 मे रखा गया था जिसमें संगीत संयोजक विनोद श्रीवास्तव एवं कवि डॉ विजय सिन्हा सम्मानित किए गए थे । यह दूसरा आयोजन 2020 में हो रहा है। इस बार डॉ. सपना चक्रवर्ती , डॉ. सुप्रिया भारतीयन , डॉ. आयना घोष चटर्जी, अखिलेश पांडे, सविता कुछवाहा एवं चन्दना चौधरी को सम्मानित किया जाएगा ।
चटर्जी ने आगे बताया कि सम्मान समारोह शाम 6 बजे प्रियदर्शनी हाल, इन्दिरा विहार, एसईसीएल कॉलोनी बिलासपुर में रखा गया है। इससे पूर्व यहीं पर दोपहर दो बजे से काव्य भारती संगीत प्रतियोगिता होगी, जिसमें प्रतिभागी उन गीतों की प्रस्तुति देंगे जिनका संगीत काव्य भारती ने रचा है। इसके लिए अभी तक 40 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हो चुकी हैं ।
पत्रवार्ता में मौजूद डॉ. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि शांति निकेतन विद्यापीठ की तर्ज पर काव्य भारती विद्यापीठ की स्थापना करने का हम लोग प्रयास कर रहे हैं । इस दिशा में शीघ्र ही एक मसौदा तैयार कर राज्य शासन को सौंपा जाएगा ताकि बिलासपुर के किसी विश्वविद्यालय में उनके योगदान पर शोध के लिए पीठ की स्थापना हो सके। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अनेक साहित्यकारों और कला साधकों की कृतियों पर शोध पीठ, संस्थान चल रहे हैं ऐसे में मनीष दत्त के योगदान पर भी यह कार्य किया जा सकता है।
दो फरवरी को आयोजित हो रहे मनीष दत्त सम्मान समारोह में हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश नूर दीन तिगाला, महापौर रामशरण यादव, प्रियदर्शनी कला मंदिर के अध्यक्ष ए के सक्सेना तथा जन स्वास्थ्य सहयोग केंद्र गनियारी के चिकित्सक विशिष्ट अतिथियों के रूप में शामिल होंगे ।